एक साथ चुनाव : भाजपा के समर्थन में सपा, जदयू व टीआरएस, द्रमुक का विरोध
तेलंगाना राष्ट्र समिति ने भी विधि आयोग को पत्र लिख कर समर्थन जताया है, डीएमके ने विरोध किया है नयी दिल्ली : एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव पर भारतीय जनता पार्टी को अपने धुर विरोधी समाजवादी पार्टी का साथ मिला है. इसके साथ ही तेलंगाना राष्ट्र समिति ने भी इस मुद्दे पर भाजपा का […]
तेलंगाना राष्ट्र समिति ने भी विधि आयोग को पत्र लिख कर समर्थन जताया है, डीएमके ने विरोध किया है
नयी दिल्ली : एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव पर भारतीय जनता पार्टी को अपने धुर विरोधी समाजवादी पार्टी का साथ मिला है. इसके साथ ही तेलंगाना राष्ट्र समिति ने भी इस मुद्दे पर भाजपा का समर्थन किया है. टीआरएस चीफ व तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने इस संबंध में केंद्रीय विधि आयोग को पत्र लिखकर समर्थन की बात कही है. दरअसल, विधि आयोगनेे एक बैठक बुलायी है, जिसमें एक साथ लोकसभा चुनाव कराने पर राजनीतिक पार्टियों की राय जानने का प्रयास किया जा रहा है.
इस बैठक में आज समाजवादी पार्टी का पक्ष रखने के बाद महासचिव डॉ रमगोपाल यादव ने मीडिया से कहा – समाजवादी पार्टी एक साथ चुनाव कराने के पक्ष में है और यह 2019 से आरंभ होना चाहिए. साथ ही अगर कोई नेता पार्टी बदलता है या हॉर्स ट्रेडिंग में शामिल पाया जाता है तो उसके खिलाफ राज्यपाल को एक सप्ताह में एक्शन लेने का अधिकार देना चाहिए.
समाजवादी पार्टी के बाद जनता दल यूनाइटेड ने भी वन नेशन, वन इलेक्शन फामॅूले का सपोर्ट किया है. दिल्ली में जारी जदयू कार्यकारिणी की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित किया गया.
वहीं, डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालीन ने इस संबंध में विधि आयोग को पत्र सौंप कर विरोध जताया है. उन्होंने ऐसे प्रस्ताव को संविधान के बुनियादी सिद्धांत के खिलाफ बताया है. ध्यान रहे कि शनिवार को भाजपा के इस फैसले का ज्यादातर दलों ने विरोध जताया था. भाजपा की सहयोगी दल गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने भी इसका विरोध किया था. तृणमूल कांग्रेस ने इसे संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताते हुए इसका विरोध जताया है.