भारत की ”एक्ट ईस्ट पाॅलिसी” और कोरिया गणराज्य की ”न्यू सदर्न स्ट्रेटजी” में स्वाभाविक एकरसता : मोदी

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप में शांति प्रक्रिया में भारत एक पक्षकार है और क्षेत्र में शांति के लिए हमारा योगदान जारी रहेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की पहली यात्रा पर आये दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन से द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक संबंधों के विविध आयामों पर व्यापक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 10, 2018 6:08 PM

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप में शांति प्रक्रिया में भारत एक पक्षकार है और क्षेत्र में शांति के लिए हमारा योगदान जारी रहेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की पहली यात्रा पर आये दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन से द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक संबंधों के विविध आयामों पर व्यापक चर्चा की.

बातचीत के बाद संवाददाताओं के समक्ष संयुक्त बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘कोरियाई प्रायद्वीप में शांति प्रक्रिया शुरू करने का श्रेय राष्ट्रपति मून को जाता है. शांति प्रक्रिया को पटरी पर रखने और आगे बढ़ाने का पूरा श्रेय राष्ट्रपति मून को जाता है.’ उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि जो सकारात्मक वातावरण बना है, वह राष्ट्रपति मून के अथक प्रयासों का परिणाम है. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर और दक्षिण एशिया में प्रसार संबंध (परमाणु) भारत के लिए भी चिंता का विषय है. इसलिए इस शांति प्रक्रिया में भारत भी एक पक्षकार है. ‘तनाव कम करने के लिए जो हो सकेगा, हम वह करेंगे.’ मोदी ने कहा कि इसलिए परामर्श और संपर्क बढ़ाने का निर्णय किया गया है. इस संदर्भ में 2+2 वार्ता और मंत्री स्तर की मुलाकात काफी महत्वपूर्ण होगी.

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन ने कहा, ‘हमने द्विपक्षीय सहयोग के नये युग की शुरुआत की है.’ वहीं, मोदी ने कहा कि हमारी बातचीत के परिणामस्वरूप एक दृष्टि पत्र जारी किया जा रहा है. हमारा ध्यान अपने विशेष सामरिक गठजोड़ को मजबूत करने पर है. इस संबंध का एक स्तंभ हमारे आर्थिक और व्यापारिक संबंध हैं. उन्होंने कहा, ‘भारत की एक्ट ईस्ट पाॅलिसी और कोरिया गणराज्य की न्यू सदर्न स्ट्रेटजी में स्वाभाविक एकरसता है. मैं राष्ट्रपति मून के इस विचार का हार्दिक स्वागत करता हूं कि भारत और कोरिया गणराज्य के संबंध उनकी न्यू सदर्न स्ट्रेटजी का एक आधार स्तंभ हैं.’

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बहुत प्रसन्नता का विषय है कि कोरिया की कंपनियों ने भारत में न सिर्फ बड़े स्तर पर निवेश किया है, बल्कि हमारे ‘मेक इन इंडिया’ अभियान से जुड़ कर भारत में रोजगार के अवसर भी पैदा किये हैं. उन्होंने कहा कि कोरिया गणराज्य की प्रगति विश्व में अपने आप में एक अनूठा उदाहरण है. कोरिया के जनमानस ने दिखाया है कि यदि कोई देश एक समान सोच और उद्देश्य के प्रति वचनबद्ध हो जाता है तो असंभव लगनेवाले लक्ष्य भी प्राप्त किये जा सकते हैं. कोरिया की यह प्रगति भारत के लिए भी प्रेरणादायक है.

Next Article

Exit mobile version