नयी दिल्ली : राज्यसभा सदस्य इस महीने की 18 तारीख से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र में 22 अनुसूचित भाषाओं में से किसी में भी अपनी बात रख सकेंगे. राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने उक्त जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि सदन में पांच और भाषाओं-डोगरी, कश्मीरी, कोंकणी, संताली और सिंधी में सदस्यों के वक्तव्यों के तत्काल अनुवाद की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है.
गौरतलब है कि 22 भाषाओं में से 12 के लिए तत्काल अनुवाद की सुविधा मौजूद थी जिनमें असमिया, बंगाली, गुजराती, हिंदी, गुजराती, कन्नड़, मलयालयम, मराठी, ओड़िया, पंजाबी, तमिल और उर्दू शामिल थे.