केंद्र को सुप्रीम कोर्ट की फटकार : ताजमहल को सहेज नहीं सकते, तो गिरा दें

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के संरक्षण को लेकर उठाये गये कदमों को लेकर केंद्र तथा उसके प्राधिकारियों को बुधवार को आड़े हाथों लेते हुए सख्त लहजे में कहा कि अगर आप मुगलकाल की इस ऐतिहासिक इमारत को संरक्षण नहीं दे सकते,तो बंद कर दें या ढाह देना चाहिए. शीर्ष अदालत ने इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 11, 2018 5:54 PM

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के संरक्षण को लेकर उठाये गये कदमों को लेकर केंद्र तथा उसके प्राधिकारियों को बुधवार को आड़े हाथों लेते हुए सख्त लहजे में कहा कि अगर आप मुगलकाल की इस ऐतिहासिक इमारत को संरक्षण नहीं दे सकते,तो बंद कर दें या ढाह देना चाहिए.

शीर्ष अदालत ने इस बात पर भी नाराजगी जतायी कि उत्तर प्रदेश सरकार ताजमहल की सुरक्षा और उसके संरक्षण को लेकर दृष्टि पत्र लाने में विफल रही है. साथ ही, केंद्र को न्यायालय ने निर्देश दिया कि इस महत्वपूर्ण स्मारक के संरक्षण को लेकर क्या कदम उठाये गये हैं और किस तरह की कार्रवाई की जरूरत है, इस बारे में वह विस्तृत जानकारी पेश करे. न्यायमूर्ति एमबी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि ताजमहल के संरक्षण के बारे में संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट के बावजूद सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाये हैं.

केंद्र ने पीठ को बताया कि आईआईटी कानपुर ताजमहल और उसके आसपास वायु प्रदूषण के स्तर का आकलन कर रहा है और चार महीने में अपनी रिपोर्ट देगा. केंद्र ने यह भी बताया कि ताजमहल और उसके इर्दगिर्द प्रदूषण के स्रोत का पता लगाने के लिए एक विशेष समिति का भी गठन किया गया है जो इस विश्व प्रसिद्ध स्मारक के संरक्षण के उपाय सुझायेगी. पीठ ने कहा कि 31 जुलाई से वह इस मामले पर प्रतिदिन सुनवाई करेगी.

सुप्रीम कोर्ट ने उत्‍तर प्रदेश सरकार से पूछा है कि ताजमहल के आसपास उद्योगों को बढ़ाने के लिए अनुमति क्‍यों दी गयी? कोर्ट ने पेरिस की ऐफिल टॉवर का उदाहरण देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार वहां से सीखे कि एतिहासिक इमारतों को कैसे सहेजा जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐफिल टॉवर को देखने 80 मिलियन लोग आते हैं. आप लोग ताजमहल को लेकर गंभीर नहीं है और न ही आपको इसकी परवाह है. हमारा ताज ज्यादा खूबसूरत है और आप टूरिस्ट को लेकर गंभीर नहीं हैं. यह देश का नुकसान है. कोर्ट ने कहा कि अगर, ध्‍यान रखा जाता तो हमारी विदेशी मुद्रा की दिक्कत दूर हो जाती. सुप्रीम कोर्ट ने फिर सवाल उठाया कि टीटीजेड (ताज ट्रैपेजियम जोन) एरिया में उद्योग लगाने के लिए लोग आवेदन कर रहे हैं और उनके आवेदन पर विचार हो रहा है. ये आदेशों का उल्लंघन है.

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