VIDEO : महबूबा की BJP को धमकी – PDP को तोड़ने की हुई कोशिश तो भुगतने होंगे खतरनाक अंजाम

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में राजनीति का नया रंग देखने को मिल रहा है. पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती के सामने पार्टी को टूट-फूट से बचाने की चुनौती खड़ी हो गयी है. एक के बाद एक नाराज विधायक सामने आ रहे हैं जिसने महबूबा की मुश्‍किलें बढा दी है. इसी बीच, सूबे की पूर्व मुख्‍यमंत्री महबूबा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 13, 2018 9:01 AM

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में राजनीति का नया रंग देखने को मिल रहा है. पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती के सामने पार्टी को टूट-फूट से बचाने की चुनौती खड़ी हो गयी है. एक के बाद एक नाराज विधायक सामने आ रहे हैं जिसने महबूबा की मुश्‍किलें बढा दी है. इसी बीच, सूबे की पूर्व मुख्‍यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भाजपा को धमकी दी है कि यदि पीडीपी को तोड़ने की कोशिश की गयी तो राज्य के हालात और खराब होंगे.

भाजपा की समर्थन वापसी से गिरी जम्मू कश्मीर की सरकार, महबूबा बोलीं – यहां ताकत की नीति नहीं चलेगी

आगे उन्होंने बड़ी धमकी देते हुए कहा कि 1987 के चुनाव में गड़बड़ी की वजह से सलाउद्दीन और मलिक पैदा हुए थे. अपनी पार्टी पीडीपी में हो रही टूट को लेकर उन्होंने कहा कि अगर इसे तोड़ा गया को हालात और बदतर होंगे. कई सलाउद्दीन जन्म लेंगे. दिल्ली में बैठे लोग ही उनकी पार्टी को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. यहां चर्चा कर दें कि सलाउद्दीन हिजबुल मुजाहिदीन का प्रमुख है जबकि मलिक एक अलगाववादी नेता है.

जम्मू कश्मीर : महबूबा से समर्थन वापसी के मोदी-शाह के फैसले की राजनाथ को भी नहीं थी भनक?

पिछले दिनों सरकार से भाजपा के अलग होने के बाद जम्मू-कश्मीर की सरकार गिर गयी थी और फिलहाल वहां राज्यपाल शासन लागू है.

बढ़ रही हैं पीडीपी के नाराज नेताओं की संख्‍या
गौर हो कि इमराज रजा अंसारी, आबिद अंसारी, मोहम्मद अब्बास वानी और जावेद वेग महबूबा मुफ्ती के ऊपर पार्टी में परिवार वाद बढ़ाने का आरोप लगाकर लगातार बागी तेवर अपनाए हुए हैं. कुल पांच विधायकों के बागी रुख अख्तियार करने के संकेत मिल रहे हैं. हालांकि इन विधायकों का दावा है कि उन्हें 14 अन्य विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है. समय आने पर ये 14 विधायक उनके साथ पार्टी को छोड़ सकते हैं, लेकिन अभी इनमें से किसी भी विधायक ने पीडीपी की प्रथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर पीडीपी को छोड़ा नहीं है. सूबे में पीडीपी के कुल 28 विधायक हैं.
भाजपा के दोनों हाथों में लड्डू
भाजपा के अभी दोनों हाथ में लड्डू हैं. ‘जी हां’ पहला राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है और केंद्र में भाजपा सत्ता में है. दूसरा भाजपा के सहयोग से बनी पीडीपी लगातार कमजोर होती नजर आ रही है. पार्टी में विधायकों के बागी जैसे सुर मुखर हैं. जानकारों की मानें तो भाजपा की पहली कोशिश इन हालात के बीच में जम्मू-कश्मीर में अपनी स्थिति मजबूत करने की होगी. भाजपा लद्दाख क्षेत्र को लेकर भी लगातार संवेदनशील रहती है. उल्लेखनीय है कि अभी तक घाटी में पीडीपी और नेशनल कांफ्रेस का ही दबदबा रहा है. कांग्रेस कुछ क्षेत्रों में अपना जनाधार रखती है.

देखें वीडियो

Next Article

Exit mobile version