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राम के नाम पर भाजपा और संघ को घेरेली सीपीएम और कांग्रेस

तिरुवनंतपुरम : राम के नाम पर राजनीति भारत में नयी नहीं है.अब राम के नाम का सहारा सीपीएम और कांग्रेस भी लेने की योजना बना रहे हैं. इस बार राम के नाम की राजनीति का केंद्र है केरल . केरल में हर साल 17 जुलाई से शुरू होने वाले रामायण उत्सव में दोनों पार्टियां एक […]

तिरुवनंतपुरम : राम के नाम पर राजनीति भारत में नयी नहीं है.अब राम के नाम का सहारा सीपीएम और कांग्रेस भी लेने की योजना बना रहे हैं. इस बार राम के नाम की राजनीति का केंद्र है केरल . केरल में हर साल 17 जुलाई से शुरू होने वाले रामायण उत्सव में दोनों पार्टियां एक दूसरे से आगे निकलने की योजना बना रही है.

एक महीने चलने वाले इस धार्मिक उत्सव में सभी पार्टियां एक दूसरे से आने निकलने की कोशिश करेगी लेकिन मुख्य रूप से सीपीएम और कांग्रेस का लक्ष्य भाजपा और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के बढ़ते प्रभाव को रोकना है. इस उत्सव में अधिकत्तर हिंदू परिवार महाकाव्य पाठ करते हैं. मान्यता है कि मॉनसून के साथ आने वाली बीमारियां और दूसरी समस्याएं से यह उनकी रक्षा करती है.

इस महीने के पहले दिन यानि 17 जुलाई को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सांसद शशि थरूर गांधी भवन में आयोजन का उद्धाटन करेंगे. इस आयोजन के जरिये कांग्रेस विचार विभाग के प्रमुख नीदुमुड़ी हरिकुमार भी जुड़े हैं उन्होंने इस आयोजन पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, पहली बार मैं रामायण मास के कार्यक्रम से जुड़ रहा हूं, इस आयोजन के जरिये महात्मा गांधी के राम राज्य की परिकल्पना का प्रसार करना होगा.

सीपीएम इस आयोजन में सीधे नहीं जुड़ रही बल्कि संस्कृत संध के माध्यम से जुड़ेगी जिसमें रामायण पर होने वाले व्याख्यान में हिस्सा लेगी. ध्यान रहे कि केरल के सभी 14 जिलों में संस्कृत संघ की कमीटियां हैं. इन कमिटियों में ज्यादातर सीपीएम के नेता ही सदस्य हैं. इस पूरे आयोजन पर केरल के देवस्ववम मंत्री कडकम्पल्ली का कहना है कि आरएसएस और बीजेपी सत्ता हासिल करने के लिए रामायण का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस आयोजन में भक्तों की भावनाओं का पूरा ध्यान रखा जायेगा

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