छलका कुमारस्वामी का दर्द, कहा- मुझे भगवान शंकर की तरह पीना पड़ रहा है गठबंधन सरकार का जहर
बेंगलुरु : कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी एक बार फिर गठबंधन सरकार से नाखुश नजर आये. शनिवार को बेंगलुरु के एक कार्यक्रम में उन्होंने भावुक होकर कहा कि आप लोग गुलदस्ता लेकर मेरे स्वागत में खड़े रहते हैं. आपको ऐसा प्रतीत होता होगा कि आपका भाई मुख्यमंत्री हो गया है. आप सभी खुश हैं, लेकिन […]
बेंगलुरु : कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी एक बार फिर गठबंधन सरकार से नाखुश नजर आये. शनिवार को बेंगलुरु के एक कार्यक्रम में उन्होंने भावुक होकर कहा कि आप लोग गुलदस्ता लेकर मेरे स्वागत में खड़े रहते हैं. आपको ऐसा प्रतीत होता होगा कि आपका भाई मुख्यमंत्री हो गया है. आप सभी खुश हैं, लेकिन इससे मैं खुश नहीं हूं. मैं जानता हूं कि गठबंधन का दर्द होता क्या है ? मुझे विषकंठ यानी भगवान शंकर की तरह गठबंधन सरकार का जहर पीना पड़ रहा है.
यदि आपको याद हो तो 28 मई को भी कुमारस्वामी ने कहा था कि मैं कांग्रेस की दया से प्रदेश का मुख्यमंत्री बना हूं. राज्य को विकास की ओर बढाना मेरी जिम्मेदारी है. मुझे मुख्यमंत्री के तौर पर काम करना है, लेकिन इसके लिए मुझे कांग्रेस के नेताओं की इजाजत लेनी होगी. उनकी इजाजत के बिना मैं कुछ भी कर पाने में सक्षम नहीं हूं. आखिर, उन्होंने मुझे समर्थन जो दिया है.
आगे कुमारस्वामी ने कहा कि कोई नहीं जानता कि लोन माफी के लिए अधिकारियों को मनाने के लिए मुझे कितनी मशक्कत करनी पड़ी. अब वे ‘अन्ना भाग्य स्कीम’ में 5 किलो चावल की बजाय 7 किलो चाहते हैं. मैं इसके लिए 2500 करोड़ रुपए किधर से लाऊं? टैक्स लगाने के लिए मेरी आलोचना चारो ओर हो रही है. इन सबके बावजूद मीडिया कह रही है कि मेरी कर्जमाफी योजना में स्पष्टता नहीं है. यदि मैं चाहूं तो 2 घंटे में मुख्यमंत्री पद का त्याग कर दूं.
कुमारस्वामी ने कहा कि ये बदकिस्मती है कि चुनावों के दौरान लोग उन्हें सुनने के लिए तो पहुंचे, लेकिन जब वोट देने की बारी आयी तो पार्टी के उम्मीदवारों को भूल गये. ईश्वर ने मुझे यह शक्ति (मुख्यमंत्री पद) दी है. वह तय करेंगे कि मुझे कितने दिन इस पद पर रहना है. आगे उन्होंने कहा कि मेरा सपना था कि मैं पार्टी के वादों और अपने पिता एचडी देवेगौड़ा के अधूरे कामों को पूरा करने का काम करूं.