Mission 2019 : विपक्ष के दुष्प्रचार के खिलाफ हर बूथ पर साइबर योद्धाओं का नेटवर्क तैयार करेगी भाजपा
नयी दिल्ली :अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सूचना प्रौद्योगिकी प्लेटफाॅर्म और सोशल मीडिया पर विपक्ष के हमले का जवाब देने के लिए किलेबंदी की है. पार्टी की ‘साइबर सेना’ हर बूथ पर पांच लोगों तक पहुंच बनाकर विपक्ष के दुष्प्रचार के खिलाफ भाजपा की उपलब्धियों की तथ्यात्मक तस्वीर पेश करेगी. […]
नयी दिल्ली :अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सूचना प्रौद्योगिकी प्लेटफाॅर्म और सोशल मीडिया पर विपक्ष के हमले का जवाब देने के लिए किलेबंदी की है. पार्टी की ‘साइबर सेना’ हर बूथ पर पांच लोगों तक पहुंच बनाकर विपक्ष के दुष्प्रचार के खिलाफ भाजपा की उपलब्धियों की तथ्यात्मक तस्वीर पेश करेगी. भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि साइबर सेना आरोपों का जवाब देने के लिए विशेष रूप से काम कर रही है. विभिन्न विषयों पर डाटा बैंक तैयार किया जा रहा है, ताकि आरोपों का जवाब तथ्यों और आंकड़ों के साथ दिया जा सके. टीम के सदस्य स्मार्ट फोन से लैस होंगे और सोशल मीडिया पर सक्रिय होंगे. पार्टी के साइबर कार्यकर्ताओं से बड़े नेताओं के रुख का प्रचार सोशल मीडिया के माध्यम से करने को कहा गया है.
दूरदराज के क्षेत्रों तक पकड़ : सोशल मीडिया का प्रभाव शहर से गांव तक हर तबके तक है.
युवाओं पर नजर : आने वाले चुनाव में बड़ी संख्या में युवा पहली बार वोट डालेंगे.
त्रिस्तरीय टीम
1. एक समूह प्रिंट मीडिया पर ध्यान देगा. पार्टी के खिलाफ प्रचार पर नजर रखेगा.
2. एक दल दुुष्प्रचार का मुकाबला करने को जवाबी रिपोर्ट बनायेगा.
3. एक टीम विपक्ष के दुष्प्रचार के खिलाफ प्रत्येक बूथ पर पांच चुने गये लोगों को जवाबी रिपोर्ट व पार्टी से जुड़े तथ्यात्मक आंकड़ों वाला संदेश भेजेगी
क्या मिला है टास्क
-आइटी टीम मोदी और पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह सरकार की योजनाओं से जुड़े सभी पहलुओं का तुलनात्मक विवरण तैयार कर निष्कर्ष निकालेगी.
-अलग-अलग योजनाओं के तुलनात्मक अध्ययन का जिम्मा अलग-अलग टोलियों को सौंपा गया है. तैयार आंकड़े केंद्रीय टीम को दी जायेगी. उसी के आधार पर सार तैयार किया जायेगा.
शक्ति केंद्र : समाज के हर तबके व उम्र के लोगों के बीच अपने आधार को मजबूत बढ़ाने के लिए शक्ति केंद्रों की स्थापना. इन केंद्रों के प्रमुखों के जिम्मे पांच से सात बूथ होंगे.
सेल्फी विद कैंपस : कॉलेजों व विभिन्न शैक्षिक0 संस्थानों में अभियान चलाकर इससे युवाओं को जोड़ने की ‘सेल्फी विद कैम्पस’ योजना. कुछ राज्यों में ‘चलो पंचायत’ कार्यक्रम भी.