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मेनका ने मांगी एनआरआई विवाह के पंजीकरण की जानकारी, जानें पूरा मामला

नयी दिल्ली : केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने आज राज्यों से कहा कि वे एनआरआई पुरुषों की भारत में शादी का पंजीकरण होने के साथ ही इसकी सूचना तत्काल मंत्रालय के पास पहुंचाना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय महिलाओं की सुरक्षा के लिए तथा एनआरआई पुरुषों से शादी के […]

नयी दिल्ली : केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने आज राज्यों से कहा कि वे एनआरआई पुरुषों की भारत में शादी का पंजीकरण होने के साथ ही इसकी सूचना तत्काल मंत्रालय के पास पहुंचाना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय महिलाओं की सुरक्षा के लिए तथा एनआरआई पुरुषों से शादी के बाद समस्या का सामना कर रही महिलाओं की पूरी मदद करने के लिए कदम उठा रहा है .

राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के महिला एवं बाल विकास मंत्रियों के एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में मेनका ने कहा, ‘‘मैं राज्य सरकारों से आग्रह करती हूं कि वे अपने यहां के विवाह पंजीयक के जरिए एनआरआई व्यक्तियों के विवाह के पंजीकरण की सूचना तत्काल केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को दें.

मेनका ने बताया कि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने पंचायत स्तर की महिला जन प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करने के लिए राज्य सरकारों के साथ सहमति पर हस्ताक्षर किया है. उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण के जरिए महिला जनप्रतिनिधियों को जमीनी स्तर पर बदलाव के लिए तैयार किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हमने परेशानी से घिरी महिलाओं की मदद के लिए सीधे कदम उठाने की संस्कृति शुरू की है. हम सीधे संबंधित पुलिस और प्रशासन के पास फोन करते हैं.
मैं राज्य के मंत्रियों से आग्रह करती हूं कि वे इस कार्य संस्कृति को अपनाएं.” मेनका ने कहा कि उन्होंने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से आग्रह किया है कि वे सभी जिलों में सुरक्षा अधिकारी तैनात करें जो दिक्कत का सामना कर रही महिलाओं की मदद करेंगे. घरेलू हिंसा विरोधी कानून के तहत इस तरह के अधिकारी की नियुक्ति अनिवार्य है. उन्होंने राज्यों के मंत्रियों से यह भी कहा कि वे अगस्त, 2018 तक सभी जिलों में बाल कल्याण समितियों का गठन सुनिश्चित करें.
मंत्री ने कहा, ‘‘हम किशोर न्याय कानून में संशोधन कर रहे हैं जिसके जरिए जिला अधिकारी को गोद लेने के मामलों में अनुमति प्रदान करने का अधिकार मिलेगा और अदालत से अनुमति की जरूरत नहीं पड़ेगी.” मेनका ने महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे से कहा कि वह हिंदी सिनेमा से जुड़े सभी प्रोडक्शन हाउस में ‘आंतरिक शिकायत समितियों’ का गठन सुनिश्चित कराएं ताकि फिल्म उद्योग में महिलाओं को कामकाज का सुरक्षित माहौल मिल सके. महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा, ‘‘हमारी सरकार महिलाओं व बच्चों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. मंत्रालय ने महिलाओं व बच्चों के लिए अनेक योजनाएं चलाई हैं जिनके सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं.”

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