मुंबई : अविश्वास प्रस्ताव पर शिवसेना का साथ नहीं मिलने पर भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेता उद्धव ठाकरे के रवैये से खफा है. यहां तक कि अविश्वास प्रस्ताव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत के बाद भी शिवसेना कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ करती नजर आयीं. ऐसे में भाजपा अब पिछले विधानसभा चुनाव की तरह अकेले महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में है. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र इकाई के सभी बड़े नेताओं को स्पष्ट कर दिया है कि शिवसेना अगर लोकसभा चुनाव में हमारे साथ आती है तो ठीक है अौर नहीं आती है तो भी हमें अपनी जीत पक्की करनी है. उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा है कि वे 50 प्रतिशत वोट हासिल करना सुनिश्चित करें और ऐसा कर लेंगे तो राज्य की तीनों और प्रमुख पार्टियों कांग्रेस, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी व उद्धव ठाकरे की शिवसेना के साथ आने पर भी हमें ही बढ़त मिलेगी.
अमित शाह ने ये बातें रविवार को मुंबई में राज्य इकाई के साथ बैठक में कही. यह बैठक दादर के बसंत स्मृति में आयोजित की गयी थी, जिसमें राज्य से आने वाले पार्टी के बड़े नेता नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, प्रदेश अध्यक्ष रावसाहेब दानवे, वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार, शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े, राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल, महिला एवं बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे सहित अन्य नेतामौजूद थे. अमित शाह ने राज्य की सभी 288 विधानसभा सीटों पर तैनात किये गये पार्टी विस्तारकों के साथ भी बैठक की. विस्तारक पूर्णकालिक कार्यकर्ता होते हैं और वे विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी के रूप में काम करते हैं. उन्होंने महाराष्ट्र की लोकसभा टोली के साथ गोवा की लोकसभा टोली के साथ भी इस दौरानएक बैठक की.
अमित शाह ने स्पष्ट तौर पर कहा कि हमारी चुनावी तैयारी किसी गंठबंधन साथी के भरोसे नहीं रहनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारे वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि शिवसेना हमारे साथ आती है तो ठीक नहीं आती तो भी हम ही जीतेंगे. इस दौरान यह उदाहरण भी पेश किया गया कि कैसे 2014 के विधानसभा चुनाव के दौरान एन वक्त शिवसेना से गठजोड़ टूटने के बाद अकेले चुनाव लड़ने पर भी भाजपा ने सबसे शानदार प्रदर्शन किया. भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं को ग्रासरूट स्तर पर सक्रिय होने को कहा गया.
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उद्धव ठाकरे ने इंटरव्यू देकर बोला हमला
उधर, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सामना के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा पर हमला किया है. सामना को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा है कि हम जनता के सपनों के लिए लड़ रहे हैं मोदी के सपनों के लिए नहीं. उन्होंने कहा कि शिकार वहीं करेंगे लेकिन इसके लिए दूसरे की बंदूक का इस्तेमाल नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि वे यहां से हीरा व्यापारियों को गुजरात ले गये, एयर इंडिया हटा लिया गया. उन्होंने कहा कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के बजाय मुंबई को नागपुर से बुलेट ट्रेन से जोड़ा जाना चाहिए था. अविश्वास प्रस्ताव के सवाल पर उन्होंने कहा कि शिवसेना किसी के साथ विश्वासघात नहीं करती है. उन्होंने कहा कि टीडीपी ने भाजपा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था, जबकि वे दोनों साथ चुनाव लड़े थे. उन्होंने भाजपा के साथ सरकार में बने होने के सवाल पर कहा कि इसका उपयोग हम जनता के हित में कर रहे हैं.
क्या है मामला?
शुक्रवार को संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान शिवसेना ने न तो चर्चा में भाग लिया था और न ही वोटिंग में. हालांकि सूत्रों के अनुसार, उससे एक दिन पहले अमित शाह ने उद्धव से फोन पर बात भी की थी और इस पूरी प्रक्रिया में शिवसेना का रवैया दोहरा रहा. पहले उसने समर्थन देने का एलान किया और फिर देर रात समर्थन पर फैसला नहीं करने की बात कही. 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के दस दिन पहले उद्धव ठाकरे का शिवसेना सांसदों को निर्देश आया वे सदन की कार्यवाही व वोटिंग में शामिल नहीं हों. ध्यान रहे कि शिवसेना पहले ही यह कह चुकी है कि वह 2019 में अकेले चुनाव में जाएगी.
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