नयी दिल्ली : गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि सरकार ने भीड़ हिंसा और भीड़ द्वारा पीट – पीट कर की जाने वाली हत्या की घटनाओं से प्रभावी तरीके से निपटने को लेकर उपाय एवं कानूनी ढांचे का सुझाव देने के लिए दो समिति गठित की है.
इनमें एक समिति की अध्यक्षता गृहमंत्री राजनाथ सिंह करेंगे, जबकि दूसरी समिति की अध्यक्षता केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा करेंगे. भीड़ द्वारा पीट -पीट कर की जाने वाली हत्या (मॉब लिंचिंग) की घटनाओं से निपटने के लिए कानून बनाने और भीड़ हिंसा पर कार्रवाई के लिए केंद्र को उच्चतम न्यायालय से निर्देश मिलने के हफ्ते भर बाद यह कदम उठाया गया है.
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि सरकार भीड़ हिंसा के मुद्दे पर शीर्ष न्यायालय के हालिया निर्देशों का सम्मान करती है. सरकार ने राज्य सरकारों को एक परामर्श जारी कर उनसे भीड़ हिंसा और भीड़ द्वारा पीट – पीट कर की जाने वाली हत्या की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने का अनुरोध किया है. साथ ही, कानून के मुताबिक सख्त कार्रवाई करने का भी अनुरोध किया है.
इस स्थिति के हल के लिए उपयुक्त उपाय करने के वास्ते सरकार ने केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है. यह समिति इस विषय पर चर्चा करेगी और सिफारिशें देगी. न्याय, कानूनी मामले, विधायी और सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण विभाग के सचिव इस समिति के सदस्य हैं.
समिति चार हफ्तों के अंदर सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपेगी. प्रवक्ता ने बताया कि सरकार ने सचिवों की सदस्यता वाली उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों पर विचार करने के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक मंत्री समूह (जीओएम) का गठन करने का भी फैसला किया है.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत जीओएम के सदस्य हैं. जीओएम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी सिफारिशें सौंपेगा. मंत्रालय के प्रवक्ता ने भीड़ हिंसा की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र देश के कुछ हिस्सों में इस तरह की घटनाएं होने को लेकर चिंतित है.
सरकार ने इन घटनाओं की निंदा की है और संसद में अपना यह रूख स्पष्ट कर दिया है कि यह कानून का शासन कायम रखने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी उपाय अपनाने के प्रति प्रतिबद्ध है. प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस और लोक व्यवस्था राज्य सूची के विषय हैं. साथ ही अपराध को काबू करने, कानून व्यवस्था कायम रखने और नागरिकों की जान माल की सुरक्षा के लिए राज्य सरकारें जिम्मेदार हैं.
उन्हें अपने -अपने अधिकार क्षेत्र में कानून लागू करने और अपराध पर रोक लगाने की शक्तियां प्राप्त हैं. बच्चा चोरी के संदेह में भीड़ द्वारा पीट – पीट कर की जाने वाली हत्या की घटनाओं के मुद्दे पर चार जुलाई 2018 को एक परामर्श जारी किया गया था. इससे पहले , गोरक्षा के नाम पर बदमाशों द्वारा उपद्रव किए जाने के मुद्दे पर नौ अगस्त 2016 को एक परामर्श जारी किया गया था.
उच्चतम न्यायालय ने भीड़ द्वारा पीट – पीट कर की जाने वाली हत्या की घटनाएं बढ़ने की निंदा करते हुए मंगलवार को सरकार को ऐसे मामलों से निपटने के लिए एक कानून बनाने को कहा था. शीर्ष न्यायालय ने भीड़ हिंसा और भीड़ द्वारा पीट – पीट कर की जाने वाली हत्या की घटनाओं के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों को जवाबदेह भी ठहराया.