ताज की सुरक्षा के लिए क्या है यूपी सरकार का प्लान, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश सरकार ने ताज महल की सुरक्षा और संरक्षण के लिए दृष्टिपत्र का पहला मसौदा आज उच्चतम न्यायालय को सौंपते हुए कहा कि पूरे ताज क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त घोषित कर देना और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को बंद कर देना चाहिए. उत्तर प्रदेश सरकार ने दृष्टिपत्र आज न्यायमूर्ति एम. बी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 24, 2018 2:03 PM

नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश सरकार ने ताज महल की सुरक्षा और संरक्षण के लिए दृष्टिपत्र का पहला मसौदा आज उच्चतम न्यायालय को सौंपते हुए कहा कि पूरे ताज क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त घोषित कर देना और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को बंद कर देना चाहिए. उत्तर प्रदेश सरकार ने दृष्टिपत्र आज न्यायमूर्ति एम. बी. लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ को सौंपा. गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने 11 जुलाई को बेहद गुस्से में मुगलकालीन स्मारक की अनदेखी करने पर उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगायी थी .

सरकार की ओर से पेश हुई वकील ऐश्वर्या भाटी ने पीठ दृष्टिपत्र पेश करने की अनुमति मांगी. शीर्ष अदालत ने वकील को मसौदा पेश करने कह अनुमति दी. उत्तर प्रदेश सरकार ने न्यायालय से कहा कि ताज महल और उसके आसपास के क्षेत्र को ‘नो-प्लास्टिक जोन’ घोषित किया जाना चाहिए, बोतलबंद पानी के इस्तेमाल पर भी रोक होनी चाहिए. सरकार ने कहा कि क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने वाले सभी उद्योगों को बंद कर अधिक पर्यटन हब विकसित किये जाने चाहिए.
सरकार ने न्यायालय को बताया कि ताज हेरिटेज क्षेत्र में पैदल यात्रा को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत यातायात प्रबंधन योजना की जरूरत है. मसौदा दृष्टिपत्र के अनुसार, यमुना नदी के किनारे योजनाबद्ध तरीके से सड़कों का निर्माण हो ताकि यातायात सीमित रहे और पदयात्रा को बढ़ावा मिले. सरकार का कहना है कि यमुना के डूबक्षेत्र में कोई निर्माण कार्य नहीं होना चाहिए, नदी तट पर सिर्फ स्थानीय पेड़-पौधे होने चाहिए.

Next Article

Exit mobile version