उप राष्ट्रपति भवन में बंदरों का आतंक, वेंकैया नायडू ने सांसदों से पूछा समाधान

नयी दिल्ली : राज्यसभा में मंगलवार को एक सदस्य ने जब राजधानी के विभिन्न हिस्सों में बंदरों के खतरे का मुद्दा उठाया तो सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा, ‘उपराष्ट्रपति भवन में भी बंदरों का खतरा है, समाधान बताएं.’ इनेलो के राम कुमार कश्यप ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि राजधानी के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 24, 2018 4:28 PM

नयी दिल्ली : राज्यसभा में मंगलवार को एक सदस्य ने जब राजधानी के विभिन्न हिस्सों में बंदरों के खतरे का मुद्दा उठाया तो सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा, ‘उपराष्ट्रपति भवन में भी बंदरों का खतरा है, समाधान बताएं.’ इनेलो के राम कुमार कश्यप ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि राजधानी के विभिन्न हिस्सों में बंदरों का खतरा है.

उन्‍होंने कहा कि ये बंदर न केवल आम लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर देते हैं बल्कि लगाये गये नये पौधों को नोंच कर फेंक देते हैं और पेड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं. उन्होंने कहा कि एक संसद सदस्य को एक समिति की बैठक में जाने के लिए केवल इस वजह से देर हुई क्योंकि बंदरों ने उन पर हमला कर दिया था.

उनके बेटे पर भी बंदरों ने हमला किया था. इस पर नायडू ने कहा कि उपराष्ट्रपति का आधिकारिक निवास भी इस समस्या से अछूता नहीं रहा है. वहां भी बंदरों का खतरा है. यह समस्या वहां भी है. नायडू ने हल्के फुल्के अंदाज में पशु अधिकार कार्यकर्ता और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी का जिक्र करते हुए कहा, ‘मेनका गांधी यहां नहीं हैं.’

इस पर सदन में मौजूद सदस्य मुस्कुरा उठे. नायडू ने संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल से कहा, ‘दिल्ली में बंदरों के खतरे को लेकर कोई समाधान तो निकालना ही होगा.’

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