ASI की लिस्ट से बाहर हैं रत्नागिरि और कोंकण के धार्मिक स्थल
नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र के रत्नागिरि और कोंकण क्षेत्र में पर्यटन स्थलों के आसपास मौजूद प्रमुख धार्मिक स्थलों को पुरातत्व विभाग की विशेष वरीयता सूची में शामिल करने से इंकार करते हुए कहा है कि इस सूची में फिलहाल 22 स्थलों को ही शामिल करने का प्रस्ताव है. केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश […]
नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र के रत्नागिरि और कोंकण क्षेत्र में पर्यटन स्थलों के आसपास मौजूद प्रमुख धार्मिक स्थलों को पुरातत्व विभाग की विशेष वरीयता सूची में शामिल करने से इंकार करते हुए कहा है कि इस सूची में फिलहाल 22 स्थलों को ही शामिल करने का प्रस्ताव है. केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने मंगलवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि कोंकण क्षेत्र के मध्यकालीन मंदिरों को फिलहाल केंद्रीय धार्मिक स्थल सूची में शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है.
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भाजपा सदस्य नारायण राणे के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण देश में ऐतिहासिक महत्व से 100 साल से अधिक पुराने 3686 स्थलों का संरक्षण करता है. उन्होंने प्रश्नगत मंदिरों के बारे में महाराष्ट्र सरकार के जवाब के आधार पर कहा कि मध्यकाल में बने इन मंदिरों का प्रबंधन कर रही समितियों ने कहा है कि इन मंदिरों में निर्माण संबंधी बदलाव किये जाने के कारण ये धार्मिक स्थल अपना ऐतिहासिक महत्व खो चुके हैं. इसलिए इन्हें राज्य सरकार द्वारा संरक्षित स्थलों की सूची में भी शामिल नहीं किया जा सकता है.
महाराष्ट्र में पंढरपुर तीर्थयात्रा को भी केंद्रीय वरीयता प्राप्त सूची में शामिल करने से जुड़े पूरक प्रश्न के जवाब में शर्मा ने कहा कि इस पवित्र यात्रा के लिए जरूरी इंतजाम राज्य सरकार करती है. अगर इस बारे में केंद्र सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव आयेगा, तो इस पर मंत्रालय संज्ञान लेगा.