नयी दिल्ली : देश के कुछ हिस्सों में भीड़ द्वारा लोगों को पीट-पीटकर मार डालने का मुद्दा मंगलवार को संसद के दोनों सदनो में उठा और लोकसभा में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सरकार द्वारा सख्त कदम उठाने का अश्वासन देते हुए कहा कि अगर जरूरत हुई तो ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये कानून भी बनाया जायेगा. राजनाथ सिंह ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठने पर बताया कि इस तरह के मामलों पर रिपोर्ट देने के लिए गृह मंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिसमूह (जीओएम) गठित किया गया है.
गृह सचिव की अगुवाई में एक समिति भी गठित की गयी है जो चार सप्ताह में रिपोर्ट पेश करेगी. उन्होंने कहा कि गृह सचिव की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर मेरी अध्यक्षता वाला मंत्रिसमूह कठोर कार्रवाई करने के संबंध में विचार करेगा. इसमें इस बात पर विचार किया जायेगा कि क्या कदम उठाये जाएं. सिंह ने कहा, ‘अगर कानून बनाने की जरूरत हुई, तब कानून भी बनायेंगे.’
गृह मंत्री ने इस विषय पर कल सोमवार को लोकसभा में अपनी ओर से एक बयान भी दिया था. उन्होंने कहा था कि मॉब लिंचिंग में लोग मारे गये हैं, हत्या हुई और लोग घायल हुए हैं, जो किसी भी सरकार के लिये सही नहीं है. ‘हम ऐसी घटनाओं की पूरी तरह से निंदा करते हैं.’ उच्चतम न्यायालय ने भी संसद से मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बनाने का सुझाव दिया था. लोकसभा में शून्यकाल में आज इस विषय को उठाते हुए तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि मॉब लिंचिंग की घटनाएं देश में लगातार घट रही है और यह जघन्य और बर्बर अपराध है.
कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि ऐसी घटनाओं में समिति तो विचार करें लेकिन इसकी जांच उच्चतम न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश के नेतृत्व में करना चाहिए. माकपा के मो. सलीम ने कहा कि ऐसी घटनाएं शहरों और गांव में अफवाह के कारण फैल रही है. अन्नाद्रमुक के एम थम्बीदुरई ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था राज्य का विषय है लेकिन पुलिस आधुनिकीकरण में राज्यों को केंद्र की मदद की जरूरत है ताकि समय रहते ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
उधर राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस की शांता क्षेत्री ने यह मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि इस सरकार के सत्ता में आने के बाद से भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डालने की घटनाओं में करीब 88 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शांता ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी इस मुद्दे पर कहा है कि यह ठीक नहीं है और सरकार को इस पर रोक लगाने के लिए एक कानून लाना चाहिए.
उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए और कानून बनाने के लिए क्या कदम उठाये जा रहे हैं. विभिन्न दलों के सदस्यों ने शांता क्षेत्री के इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया और सरकार से इस मुद्दे का शीघ्र समाधान निकालने की मांग की. सभापति एम वेंकैया नायडू ने उम्मीद जतायी कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेगी. गौरतलब है कि अलवर जिले में गायों को लेकर जा रहे 28 वर्षीय एक व्यक्ति को, गौ तस्कर होने के संदेह भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला. यह घटना गत शनिवार को हुई.