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लोकपाल के मुद्दे पर कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना, भाजपा ने कहा, चार वर्ष में भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन दिया

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने आज आरोप लगाया कि मौजूदा केंद्र सरकार के तहत भ्रष्टाचार में काफी वृद्धि हुई है और अगर सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गंभीर होती तो अब तक लोकपाल की नियुक्ति कर देती. भाजपा ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मोदी सरकार में पारदर्शिता पर जोर दिया […]

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने आज आरोप लगाया कि मौजूदा केंद्र सरकार के तहत भ्रष्टाचार में काफी वृद्धि हुई है और अगर सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गंभीर होती तो अब तक लोकपाल की नियुक्ति कर देती. भाजपा ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मोदी सरकार में पारदर्शिता पर जोर दिया गया है और पिछले चार वर्षों में भ्रष्टाचार का कोई मामला सामने नहीं आया है. लोकसभा में आज भ्रष्टाचार निवारण संशोधन विधेयक-2018 पर चर्चा शुरू हुई.

चर्चा के दौरान भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सत्तापक्ष और कांग्रेस के सदस्यों के बीच नोंकझोंक भी हुई. विधेयक को चर्चा और पारित कराने के लिए रखते हुए कार्मिक, लोक शिकायत एवं प्रशिक्षण राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर सरकार की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है और इसी के तहत यह संशोधन विधेयक लाया गया है. उन्होंने कहा कि विधेयक में प्रावधान किया गया है कि भ्रष्टाचार के किसी भी मामले की सुनवाई दो साल के भीतर पूरी कर ली जाएगी. मंत्री ने कहा कि ईमानदार अधिकारियों भयमुक्त माहौल में काम कर सकें, इस बात का संशोधन विधेयक में पूरा ध्यान रखा गया है.

विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इस विधेयक में कानूनी रूप से और मजबूती लाने की जरूरत है. उन्होंने आरोप लगाया कि अगर सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मुद्दे पर गंभीर होती तो अब तक लोकपाल की नियुक्ति कर देती. चौधरी ने दावा किया कि मौजूदा समय में भ्रष्टाचार की स्थिति भयावह हो गयी है और अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षणों में भी यह बात सामने आयी है. कांग्रेस सदस्य ने राफेल लड़ाकू विमान की खरीद का मुद्दा उठाया और कहा कि सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए.

भाजपा के प्रह्लाद जोशी ने कहा कि यह विधेयक सरकार के प्रगतिशील रुख को दिखाता है और इससे भ्रष्टाचार की समस्या पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. जोशी ने कहा कि मोदी सरकार में पारदर्शिता पर जोर दिया गया है और पिछले चार वर्षों में भ्रष्टाचार का कोई मामला सामने नहीं आया है. हमने भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस संशोधन के विधेयक के प्रावधान के अनुसार समयबद्ध सुनवाई होने से भ्रष्टाचार से पीड़ित लोगों को न्याय के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा.

भाजपा सदस्य ने कांग्रेस सरकारों सरकार के समय कुछ घोटालों के विषय को भी उठाया . इसके बाद भाजपा और कांग्रेस के सदस्यों में नोंकझोंक की स्थिति देखने को मिली. अन्नाद्रमुक के एस. सेल्वाकुमार ने संशोधन विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि कानून बनने के बाद इसके प्रावधानों को सही ढंग से लागू किये जाने की जरूरत है. तृणमूल कांग्रेस की अपरूपा पोद्दार ने कहा कि अब तक यह देखा गया है कि विभिन्न कानूनों का दुरुपयोग किया जाता रहा है और ऐसे में यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इस प्रस्तावित संशोधित कानून का दुरुपयोग नहीं हो.

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