आशुतोष चतुर्वेदी
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने प्रभात खबर से विशेष बातचीत में कहा कि विपक्षी एकता दिवास्वप्न है और इसके कोई मायने नहीं हैं. जनता हमारे साथ है और 2019 में हम ही जीतेंगे. अविश्वास प्रस्ताव में विपक्षी एकता का गुब्बारा फूटा है. एआईडीएमके भाजपा के साथ आई और बीजेडी व टीआरएस ने वॉक आउट किया. शिव सेना ने अनुपस्थित रहने का फैसला किया, पार्टी महाराष्ट्र में हर प्रकार की स्थिति के लिए तैयार है. दूसरी ओर 2014 में ममता बनर्जी, देवगौड़ा और अन्य सारे लोगों को उनके राज्यों में हराकर हम केंद्र में आये थे.
चंद्रबाबू नायडू जरूर एनडीए के कुनबे से अलग हुए हैं, लेकिन नीतीशजी जैसे नये साथी भी जुड़े हैं. इसके अलावा यूपी, उत्तराखंड, पूर्वोत्तर राज्यों और तमिलनाडु जैसे राज्यों में भी अन्य नये साथी जुड़े हैं और भाजपा की ताकत बढ़ी है. जहां तक यूपी का सवाल है तो हम वहां 50 प्रतिशत वोटों की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं.
भाजपा अध्यक्ष का कहना था कि अविश्वास प्रस्ताव लाने का कोई कारण नहीं था. यह उद्देश्यहीन था. इस दौरान राहुल गांधी ने जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी के साथ गले मिलने का प्रयास किया, आंख के इशारे किया और जिन शब्दों का प्रयोग किया, वे संसदीय प्रणाली के अनुरूप नहीं हैं. ये बातें इशारा करती हैं कि कांग्रेस में नेतृत्व का स्तर कितना गिर गया है.
अमित शाह का कहना था कि भाजपा मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में प्रचंड बहुमत से जीतेगी और पार्टी राजस्थान में भी सरकार बनाने में सफल रहेगी. इन सरकारों के कार्यकाल के दौरान जो वोट बैंक तैयार हुआ है, वह एंटी इनकंबेंसी को काउंटर कर लेगा.
बिहार : अमित शाह का कहना था कि बिहार में जनता दल-यू के साथ सीट बंटवारे को लेकर चर्चा नहीं हुई है. लेकिन जिस प्रकार की समझौते करने को लेकर दोनों पार्टियों में इच्छाशक्ति है, उसमें सीट का बंटवारा कोई बड़ी बात नहीं है.
झारखंड : भाजपा अध्यक्ष का कहना था कि रघुवर सरकार ने राजनीतिक स्थिरता देने का काम किया है. सरकार ने आदिवासियों के कल्याण की दिशा में भी अनेक कदम उठाये हैं. कृषि के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है.
पश्चिम बंगाल : अमित शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल के नतीजे त्रिपुरा की तरह ही होंगे. जनता परिवर्तन के मूड में है. विपक्षी दलों में भाजपा पहले नंबर पर है पार्टी के सात हजार सदस्य पंचायतों में चुन कर आये हैं. मुस्लिम तुष्टिकरण से जनता परेशान है. तृणमूल ने सांस्कृतिक मूल्यों पर आघात किया है. हम पश्चिम बंगाल पर विशेष ध्यान दे रहे हैं.
लोकतांत्रिक व्यवस्था में विपक्ष की जरूरत पर उनका कहना था कि विपक्ष जरूर मजबूत होनी चाहिए पर उसे मजबूत रखने की जिम्मेदारी उनकी नहीं है.
विपक्षी पार्टियों को अपने आपको जनता की भावनाओं के अनुरूप बदलना होगा. भारतीय जनता पार्टी की केंद्र में सरकार बनने के बाद मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय राजनीति में सबसे बड़ा बदलाव आया है. वह मानते हैं कि मोदी जी का भारतीय राजनीति में बड़ा योगदान है. जब भी भारतीय लोकतंत्र का इतिहास लिखा जाएगा तो उसमें उल्लेख होगा कि उन्होंने भारतीय लोकतंत्र को परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टिकरण से मुक्त बनाया है.
विकास की राजनीति का एक नया युग मोदी जी के नेतृत्व में शुरू हुआ है. 2019 के चुनावों में मोदीजी के नेतृत्व में जो परिवर्तन आया, उससे जनता में नयी आशा बंधी है. देश का सम्मान दुनियाभर में बढ़ा है. यह सरकार गरीबों, दलितों और किसानों का विशेष ध्यान दे रही है. सरकार साढ़े चार साल में 20 करोड़ परिवारों का जीवन स्तर उठाने में सफल रही है. मुसलमानों के मन में भाजपा को लेकर एक अविश्वास पर अमित शाह का कहना था कि इसमें उन्हें लगता है मीडिया की भूमिका एक लंबे अर्से तक एक प्रकार की रही है. हम तो चाहते हैं कि मीडिया सच्चाई बताए तो यह तुरंत दूर होगा.