बोइंग के अपाचे और शिनूक हेलीकॉटर ने भरी पहली उड़ान, अगले साल एयरफोर्स के बेड़े में होगा शामिल
नयी दिल्ली : अमेरिकी रक्षा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी बोइंग के अपाचे और शिनूक सैन्य हेलीकॉप्टरों की पहली उड़ान पूरी हो गयी है. भारतीय वायुसेना को इन हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति अगले साल शुरू होगी. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. भारत बोइंग से 22 एएच-64 ई अपाचे हेलीकॉप्टर तथा 15 सीएच-47 एफ (आई) शिनूक […]
नयी दिल्ली : अमेरिकी रक्षा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी बोइंग के अपाचे और शिनूक सैन्य हेलीकॉप्टरों की पहली उड़ान पूरी हो गयी है. भारतीय वायुसेना को इन हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति अगले साल शुरू होगी. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. भारत बोइंग से 22 एएच-64 ई अपाचे हेलीकॉप्टर तथा 15 सीएच-47 एफ (आई) शिनूक हेवी लिफ्ट हेलीकॉटरों की खरीद कर रहा है.
बोइंग इंडिया के अध्यक्ष प्रत्युष कुमार ने बयान में कहा कि भारत के अपाचे और शिनूक हेलीकॉप्टरों की पहली उड़ान भारतीय सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. अधिकारियों ने कहा कि इन सैन्य हेलीकॉप्टरों की डिलिवरी अगले साल शुरू होगी. कुमार ने कहा कि भारत को एएच-64ई अपाचे तथा सीएच-47 एफ शिनूक हेलीकॉप्टरों का सबसे आधुनिक संस्करण मिलेगा.
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कुमार ने कहा कि भारतीय उद्योग के भागीदार डायनामैटिक्स शिनूक के काफी हिस्सों का निर्माण कर रही है. वहीं, हैदराबाद में टाटा बोइंग का संयुक्त उद्यम अपाचे के लिए पूर्ण फ्यूजलैग का निर्माण कर रहा है. सरकार ने भारतीय वायुसेना के लिए 22 अपाचे तथा 15 शिनूक हेलीकॉप्टरों के अनुबंध को सितंबर, 2015 में अंतिम रूप दिया था.
इसके अतिरिक्त रक्षा मंत्रालय ने पिछले साल हथियार प्रणाली के साथ छह अपाचे हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी थी. यह खरीद 4,168 करोड़ रुपये में की जानी है. सेना के लिए यह लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का पहला बेड़ा होगा. एएच-64ई दुनिया का प्रमुख मल्टी रोल लड़ाकू हेलीकॉप्टर है. अमेरिकी सेना द्वारा इसका इस्तेमाल किया जाता है. शिनूक मल्टी रोल, वर्टिकल लिफ्ट प्लेटफार्म है, जो सैनिकों, तोप, उपकरण और ईंधन के परिवहन में काम आता है. आपदा राहत कार्यों में भी इसका इस्तेमाल होता है.