‘महुआ रस” बेचने पर विचार कर रही है सरकार

नयी दिल्ली : आदिवासी लोगों द्वारा बनाए गए उत्पादों को बढ़ावा देने के अपने प्रयास के तहत सरकार पारपंरिक आदिवासी पेय ‘महुआ’ को वनधन पहल के तहत खुले बाजार में बेचने पर विचार कर रही है. आदिवासी महुआ पेड़ के फूल से इसी नाम का पेय बनाते हैं. इसे समुदाय के किसी भी उत्सव के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2018 10:30 PM

नयी दिल्ली : आदिवासी लोगों द्वारा बनाए गए उत्पादों को बढ़ावा देने के अपने प्रयास के तहत सरकार पारपंरिक आदिवासी पेय ‘महुआ’ को वनधन पहल के तहत खुले बाजार में बेचने पर विचार कर रही है.

आदिवासी महुआ पेड़ के फूल से इसी नाम का पेय बनाते हैं. इसे समुदाय के किसी भी उत्सव के दौरान प्रमुखता से परोसा जाता है. टीआरआईएफईडी के प्रबंध निदेशक प्रवीर कृष्ण ने बताया कि इस पारपंरिक पेय को एक ब्रांड के तौर पर विकसित करने और खुले बाजार में बेचने के लिए जनजाति कार्य मंत्रालय ने भारतीय आदिवासी सहकारिता विपणन विकास फेडरेशन (टीआरआईएफईडी) के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं. अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय इमली और आंवला जैसे आदिवासी उत्पादों को जैम के रूप में बाजार में लाने पर विचार कर रहा है.

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