गोवाहाटी : असम में बेहद जटिल नागरिकता ड्राफ्ट एनआरसी यानी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर ने तैयार कर लिया है. 1951 के बाद पहली बार असम में ऐसी रिपोर्ट तैयार की गयी है. इस जटिल काम को असम में इसके लिए बनाये गये स्टेट को-आर्डिनेटर प्रतीक हजेला के नेतृत्व में अंजाम दिया गया. 48 वर्षीय प्रतीक हजेला 1995 बैच के एक आइएएस अफसर हैं और मूल रूप से मध्यप्रदेश के भोपाल के रहने वाले हैं. प्रतीक हजेला असम के गृह सचिव भी हैं.
हजेला का परिवार भोपाल का एक प्रतिष्ठित परिवार है. उनके पिता एसपी हजेला मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के अफसर थे और उनके छोटे भाई अनूप हजेला भोपाल के एक प्रतिष्ठित डॉक्टर हैं. हजेला के चाचा पीडी हजेला चर्चित अर्थशास्त्री थे अौर वे प्रतिष्ठित इलाहाबाद व सागर विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर थे.
हजेला असम-मेघालय कैडर के अधिकारी हैं. उन्होंने आइआइटी दिल्ली से 1992 में इलेक्ट्रानिक्स में बीटैक किया है. असम जैसे सीमाई राज्य में उनकी तैनाती मुख्य रूप से गृह मंत्रालय में ही रही है. उन्होंने गृह आयुक्त के रूप में काम किया. उन्होंने स्पेशल कमिश्नर नियुक्त कर इमरजेंसी ऑपरेशन की ड्यूटी पर तैनात किया गया. बेहद पारदर्शी ढंग से 5000 सिपाहियों की भर्ती के लिए उन्हें मुख्यमंत्री द्वारा सम्मान भी मिला. लेकिन, इस समय तक वे लोगों का बहुत ध्यान नहीं खींच सके. जब पांच सितंबर, 2013 को उन्हें एनआरसी अपडेटिंग का प्रभार दिया गया तो पहली बार लोगों का उन्होंने प्रमुखता से अपनी ओर ध्यान खींचा.
हजेला के नेतृत्व मेें इसके अपडेटिंग का एक अपना मॉडल तैयार किया गया, क्योंकि ऐसा भारत में कही और हो नहीं रहा था. उन्होंने डेटा अपडेट के लिए कुछ मानक निर्धारित किये, जिस पर किसी को आपत्ति का मौका नहीं मिले. इसके लिए ढाई हजार नागरिक सेवा केंद्र तैयार किये गये और राज्य के 68 हजार कर्मचारियों को इसमें लगाया गया. एक सितंबर, 2015 से नागरिकता सत्यापन प्रक्रिया शुरू होने से पहले इस एक्सरसाइज में दो साल का वक्त लग गया. उन्होंने इस काम को शुरू करने वक्त लोगों को भरोसा दिलाया की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से तकनीक आधारित होगी.