मॉब लिंचिंग केस: बनेगा नया ऐप, अब रंग बतायेंगे मैसेज असली है या फेक
नेशनल कंटेंट सेलहाल के दिनों में व्हाट्सएप पर फैली अफवाहों के कारण देश के कई राज्यों में हिंसा की घटनाएं देखने को मिली हैं. इन घटनाओं से न सिर्फ आम जनता, बल्कि सरकार भी परेशान है. आये दिन इन पर नकेल कसने के लिए सरकार तरह-तरह के गाइडलाइंस जारी कर रही है, तो देश के […]
नेशनल कंटेंट सेल
हाल के दिनों में व्हाट्सएप पर फैली अफवाहों के कारण देश के कई राज्यों में हिंसा की घटनाएं देखने को मिली हैं. इन घटनाओं से न सिर्फ आम जनता, बल्कि सरकार भी परेशान है. आये दिन इन पर नकेल कसने के लिए सरकार तरह-तरह के गाइडलाइंस जारी कर रही है, तो देश के तकनीकी संस्थान भी अपनी तरह से इस मुद्दे का हल ढूंढ़ने का प्रयास कर रही है.
ऐसा ही एक प्रयास दिल्ली के इंद्रप्रस्थ इंस्टिट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कर रही है. संस्थान में कार्य कर रहे कंप्यूटर साइंस के एसोसिएट प्रोफेसर पोन्नूरंगम कुमारगुरु की अध्यक्षता में एक टीम बनायी गयी है. यह टीम एक ऐसा ऐप बनाने पर काम कर रही है, जो मैसेजिंग एप व्हाट्सएप पर आयी खबरों की सच्चाई का पता लगा सकेगा. साथ ही यह ऐप खबर के स्रोत की भी जांच पड़ताल करेगा. इस ऐप पर काम कर रहे प्रोफेसर कुमारगुरु का मानना है कि यह ऐप ऐसी स्थिति में बहुत कारगार साबित हो सकता है, जहां लोग सिर्फ व्हाट्सएप पर फैली अफवाह को सच मानकर लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दे रहे हैं.
प्रोफेसर ने कहा कि हम इन मैसेजेज की जांच करेंगे. फिर उसके अनुसार ही ऐसे फर्जी मैसेजेज को रोकने के लिए एक मॉडल तैयार करेंगे. हम ऐसे कलर कोड बनायेंगे जो मैसेज की सत्यता को प्रमाणित करेंगे. कुमार गुरु ने कहा कि आनेवाले कुछ महीनों में यह ऐप बनकर तैयार हो जायेगा.
इकट्ठा किये जा रहे हैं डेटा
प्रोफेसर ने कहा कि हम बड़ी मात्रा में डेटा इकठ्ठा कर रहे हैं. हमने लोगों को 9354325700 नंबर पर व्हाट्सएप पर आये मैसेज को फॉरवर्ड करने के लिए कहा है. हम इन मैसेजेज की जांच करेंगे, फिर उसके अनुसार ही ऐसे फर्जी मैसेजेज को रोकने के लिए एक मॉडल तैयार करेंगे. इसके लिए ट्रैफिक सिगनल्स की तरह एक नया कलर कोड बनाया जायेगा. मैसेज मिलते ही टीम मैसेज से जुड़ी सभी कॉमन फैक्टर्स का अध्ययन करेगी.
फेसबुक कर चुका है पहल
मदरबोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक ने अनजान नंबर से मैसेंजर पर आने वाले मैसेज की पहचान के लिए काम करना शुरू कर दिया है. फेसबुक यूजर्स को जानकारी उपलब्ध कराते हुए यह बतायेगा कि वह अकाउंट कब बनाया गया था, वह अकाउंट कौन-से देश से एक्सेस कर रहा है, क्या वह फेसबुक अकाउंट भी चलाता है या फिर सिर्फ एक फोन नंबर ही है, इसके अलावा फेसबुक यह भी बतायेगा कि जो व्यक्ति आपसे कॉन्टेक्ट करने की कोशिश कर रहा है, उसका नाम आपके किसी फेसबुक फ्रेंड के नाम से तो मिल रहा है, लेकिन वास्तव में मैसेज उस अकाउंट से नहीं आ रहा है.