नयी दिल्ली : असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन यानी एनआरसी में 40 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं किये जाने के मुद्दे पर मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में जोरदार बहस हुई. राज्यसभा में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि वह आज इस पर प्रश्न खड़े कर रही है, जबकि इसकी पहल खुद तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने की थी.
शाह ने आगे कहा कि कांग्रेस के पास असम समझौते को लागू करने की हिम्मत नहीं थी और भाजपा सरकार ने हिम्मत दिखाकर यह काम कर दिखाया. शाह ने एनआरसी के विरोध को देश में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों को बचाने की कोशिश बताया. शाह के बयान पर विपक्षी सांसदों ने जोरदार हंगामा किया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
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NRC is the soul of same Assam accord signed by former PM Rajiv Gandhi in 1985. Congress did not have the courage to implement it and now Modi government is doing what Congress could not. pic.twitter.com/7bKXAFhjN8
— Amit Shah (@AmitShah) July 31, 2018
शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि चर्चा के दौरान कोई यह नहीं बता रहा है कि एनआरसी का मूल कहां है, यह कहां से उत्पन्न हुआ. आगे शाह ने कहा कि अवैध घुसपैठियों के मुद्दे पर असम के सैकड़ों युवा शहीद हुए. 14 अगस्त 1985 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने असम अकॉर्ड लागू किया था. यही समझौता एनआरसी की आत्मा थी. इस समझौते में यह प्रावधान था कि अवैध घुसपैठियों को पहचानकर उनको सिटिजन रजिस्टर से अलग कर एक नेशनल रजिस्टर तैयार किया जाएगा.
शाह ने कांग्रेस पर अवैध बांग्लादेशियों को लेकर नरमी दिखाने का भी आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस के प्रधानमंत्री ने यह समझौता किया, लेकिन यह पार्टी इसे लागू करने में सक्षम नहीं दिखी. हममें हिम्मत थी और इसलिए हमने इसपर अमल किया. उन्होंने कांग्रेस से सवाल पूछा कि वह क्यों अवैध घुसपैठियों को बचाने का प्रयास कर रही है? शाह के इस बयान के बाद राज्यसभा में शोर-शराबा शुरू हो गया.
कांग्रेस के सांसद शोरगुल करते हुए चेयरमैन के आसन तक पहुंच गये.
सदन की कार्यवाही की अन्य खबरें
-राज्यसभा में असम के सांसद विश्वजीत डायमेरी ने कहा कि असम में किसी भारतीय के साथ गलत नहीं हुआ है , जो समस्याएं हुई है उनके समाधान के विकल्प मौजूद हैं.
-एनआरसी पर मायावती ने कहा कि 40 लाख अल्पसंख्यकों की नागरिकता भाजपा-शासित असम में लगभग छीन ली गयी है. अगर असम में लंबे समय से रहने वाले लोग अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाए तो इसका मतलब ये नहीं कि उन्हें देश से बाहर फेंक दिया जाए.
-राज्यसभा में एनआरसी पर जोरदार चर्चा जारी है. सासंदो ने गृह मंत्री से आश्वासन मांगा कि एनआरसी में सभी गड़बड़ियों को दूर किया जाएगा. गृह मंत्री भी सदन में मौजूद हैं.
–राज्यसभा में सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि इस मामले में सावधानी बरतें. हमारे ही देश के व्यक्ति का नाम अगर काट दिया गया तो वह कहां जाएगा. संविधान हर किसी को देश के किसी भी हिस्से में लोगों को बसने की इजाजत देता है. यदि वैध दस्तावेज हैं तो नाम शामिल हो.
कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में एनआरसी पर दिये ये सुझाव
-एनआरसी पर सरकार भी व्यक्ति की तरह साबित करे.
-सरकार हर व्यक्ति को कानूनी सहायता दे
-किसी व्यक्ति का शोषण न हों
-नागरिकता साबित करने के लिए 16 सूबूत चाहिए, इनमें से 1 भी मिले तो उसे नागरिक माना चाहिए.
-इसे मानावाधिकार का विषय मानें
-राज्य और केंद्र सरकार व अन्य इसे राजनीति का विषय न बनाएं.
-प्रश्नकाल रोककर राज्यसभा में नागरिकता विवाद पर चर्चा शुरू,राज्यसभा में एनआरसी पर कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 40 लाख लोगों की संख्या कम नहीं है.उन्होंने कहा कि सरकार साबित करे कि वे नागरिक नहीं हैं. वोट की राजनीति नहीं होनी चाहिए. इसका असर दूरगामी है.
-त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने कहा है कि त्रिपुरा में एनआरसी की कोई जरूरत नहीं है. वहां सबकुछ व्यवस्थित है. मुझे लगता है कि यह असम के लिए भी कोई बहुत बड़ा मुद्दा नहीं है, सर्वानंद सोनोवाल जी इससे निपटने में सक्षम हैं. कुछ लोग जानबूझ कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
-देश में अन्य सभी शरणार्थियों पर उठे सवाल का जवाब देते हुए किरन रिजजू ने कहा कि देश के सभी हिस्सों में अलग-अलग जगहों पर प्रवासी है जिनको नागरिकता एक्ट के प्रावधानों के तहत देखा जाता है और नागरिकता देना या न देना इस एक्ट के प्रावधानो पर निर्भर है. भाजपा सासंद जुगल किशोर शर्मा ने सदन में सवाल किया कि ‘कब जम्मू से बाहर होंगे रोहिंग्या?’ उनके सवाल पर जवाब देते हुए रिजिजू ने कहा कि रोहिंग्या भारत की सुरक्षा के लिए खतरा है. सबसे ज्यादा रोहिंग्या जम्मू कश्मीर में है. इनको सुरक्षित रुप से म्यांमार भेजने के लिए प्रयास सरकार कर रही है. राज्य सरकारों के साथ इसपर बातचीत जारी है.
-लोकसभा में टीएमसी सांसद सुगत बोस ने कहा कि विदेश मंत्रालय बांग्लादेश में रोहिंग्या के लिए ऑपरेशन इंसानियत चला रहे हैं. भारत में भी 40,000 रोहिंग्या हैं, तो क्या हम इंसानियत सिर्फ उन्हीं के लिए दिखाएंगे जो बांग्लादेश में हैं?सुगत बोस का जवाब देते हुए किरण रिजिजू ने कहा कि यह टीएमसी सांसद सुगत बोस का बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बयान है. भारत संभवतः अकेला ऐसा देश है जो शरणार्थियों के प्रति हमेशा नरम दृष्टिकोण रखता है. हमने म्यांमार से कह रखा है कि रोहिंग्या के वापस लौटने में हर संभव मदद करेंगे.
-किरन रिजिजू ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भारत शरणार्थियों को भगाने में यकीन नहीं रखता लेकिन एक रेग्युलेटरी जारी करने में क्या बुराई है. हम विदेश मंत्रालय के माध्यम से रोहिंग्या को सुरक्षित रुप से म्यांमार भेजने के लिए काम कर रहे हैं लेकिन विपक्ष इसका विरोध कर रहा है. हम पहले अपने देश की सुरक्षा चाहते हैं. लोकसभा में जवाब देते वक्त किरण रिजिजु ने तमिलनाडु लोगों को शरणार्थी बोल दिया, जिसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया.
-लोकसभा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रोहिंग्या के घुसपैठ को रोकने के लिए बीएसएफ और असम राइफल्स के जवान तैनात किये गये हैं.
-रोहिंग्या मुद्दे पर किरन रिजिजू ने कहा कि ये लोग सबसे ज्यादा जम्मू-कश्मीर में हैं. देश की सुरक्षा को लेकर हम चिंतित हैं. हमें कुछ ऐसे संकेत मिले हैं कि ये देश की सुरक्षा के लिए खतरा है इसलिए हमने नियम में कुछ बदलाव किया है. रोहिंग्या मुद्दे पर किरण रिजीजु ने आगे कहा कि रोहिंग्या देश के कई राज्यों में अवैध रूप से रह रहे हैं, लेकिन वे देश के लिए कोई समस्या न बने, इसके लिए सरकार ने प्रयास किया है.
-गृह मंत्री राजनाथ सिंह रोहिंग्या मुद्दे पर कहा कि राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि वे राज्य में रोहिंग्याओं की संख्या आदि के बारे में वे गृह मंत्रालय को इसकी सूचना दें जिसके बाद ये जानकारी विदेश मंत्रालय को दी जाएगी और विदेश मंत्रालय म्यांमार के साथ इनको डिपोर्ट करने पर बातचीत करेगा. लोकसभा में गृह मंत्री राजनाथ सिंह कि रोहिंग्या को लेकर राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी की है.
-एनआरसी पर आज भी हंगामा, राज्यसभा में सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित.
-लोकसभा की कार्यवाही शुरू हो चुकी है. शिवसेना सांसद अरविंद गणपत सावंत ने रोहिंग्या का मुद्दा उठाया जिसका जवाब गृहराज्यमंत्री किरन रिजिजू ने दिया. इससे पहले कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में NRC ड्राफ्ट के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया. इस ड्राफ्ट को कल जारी किया गया था.
-असम एनआरसी मुद्दे को लेकर संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने टीएमसी सांसदों ने प्रदर्शन किया.
-आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर टीडीपी सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया. सांसद नारामल्ली शिवप्रसाद आज सत्य साईं बाबा का ड्रेस पहनकर पहुंचे. इससे पहले वह स्कूली बच्चे, नारदमुनि जैसे ड्रेस पहनकर पहुंच चुके हैं.
भाजपा संसदीय दल की बैठक
नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की संसदीय दल की बैठक मंगलवार को यानी आज संसद के लाइब्रेरी भवन में हुई. बैठक से पहले अविश्वास प्रस्ताव पर मिली जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सम्मानित किया गया और माला पहनाने की प्रक्रिया चली. भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने नरेंद्र मोदी को सम्मानित करने का काम किया.
भाजपा की संसदीय बोर्ड की बैठक संसद के लाइब्रेरी भवन में हुई. सूत्रों के अनुसार बैठक में असम पर एनआरसी के अंतिम ड्राफ्ट पर विपक्ष के हमलावर रवैये पर चर्चा हुई. साथ ही आगे की रणनीति पर भी विचार किया गया. हालांकि इस मामले में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा था कि असम के लिए राष्ट्रीय नागरिक पंजीयन का मसौदा पूरी तरह "निष्पक्ष’ है और जिनका नाम इसमें शामिल नहीं है उन्हें घबराने की जरुरत नहीं है क्योंकि उन्हें भारतीय नागरिकता साबित करने का मौका मिलेगा.