NRCAssam के मुद्दे पर रेस हुईं ममता बनर्जी, गृहमंत्री से मिलकर सशोधन विधेयक लाने की मांग करेंगी

नयी दिल्ली : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज NRCAssam के मुद्दे पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलेंगी. वे आज पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा से भी मुलाकात करेंगी. ऐसा माना जा रहा है कि वे नेशनल रजिस्टर अॅाफ सिटीजंस का विरोध करने के लिए नेताओं को लामबंद करना चाहती हैं.तृणमूल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2018 10:49 AM


नयी दिल्ली
: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज NRCAssam के मुद्दे पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलेंगी. वे आज पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा से भी मुलाकात करेंगी. ऐसा माना जा रहा है कि वे नेशनल रजिस्टर अॅाफ सिटीजंस का विरोध करने के लिए नेताओं को लामबंद करना चाहती हैं.तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी एडवोकेट राम जेठमलानी से भी मिलेंगी, संभवत: इस मुलाकात में NRCAssam के बारे में कानूनी सलाह ली जायेगी. तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल दो अगस्त को एनआरसी के मुद्दे को लेकर असम जा रहा है.

असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) में 40 लाख लोगों का नाम नहीं होने के मुद्दे को अमानवीय करार देते हुए तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने आज कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर संशोधन विधेयक लाने की मांग करती है ताकि लाखों लोगों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके. लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता बंदोपाध्याय ने बातचीत में कहा, ‘ हमारी नेता ममता बनर्जी दिल्ली में हैं. वे इस मुद्दे पर गृह मंत्री से मुलाकात करेंगी और इस विषय पर विस्तृत चर्चा करेंगी .’ यह पूछे जाने पर कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में कहा है कि एनआरसी की सूची अंतिम नहीं है तथा लोगों को अभी और मौका मिलेगा, तृणमूल नेता ने कहा कि यह कैसे संभव है कि 40 लाख लोगों का इंटरव्यू 28 दिनों में पूरा कर लिया जाये उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि संसद में एक संशोधन विधेयक लाया जाये. सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि असम में जो हो रहा है, वह अमानवीय है और ऐसा नहीं होने दिया जायेगा.

यह एक तरह की भावना से प्रेरित हो कर किया जा रहा है. यह पूछे जाने पर कि तृणमूल कांग्रेस इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय जायेगी, उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के प्रति काफी सम्मान प्रकट करते हुए हम कहना चाहते हैं कि बेहतर होगा कि इस विषय का निपटारा संसद में हो. उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों की राय इस मुद्दे पर एक समान है, ऐसे में संसद में इस विषय का हल निकाला जाये. तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा कि एनआरसी असम में एक सूची जारी की गयी है और 40 लाख लोगों के नाम हटा दिये गये हैं . इनमें से ज्यादातर बंगाली है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह ताज्जुब की बात है कि इनमें से काफी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनके पास आधार, पासपोर्ट और पहचान पत्र है. लेकिन फिर भी उनका नाम सूची से हटा दिया गया . एनआरसी सूची तैयार करने का काम उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर होने संबंधी गृह मंत्री के बयान के बारे में पूछे जाने पर बंदोपाध्याय ने कहा कि ये लोग (केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा) उच्चतम न्यायालय को ढाल बना लेते हैं. संसद में विधेयक लाया जाये, संशोधन किया जाये. लोकसभा में कल कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वामदलों समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) में 40 लाख लोगों का नाम नहीं होने का मुद्दा उठाया था और इसे अमानवीय एवं मानवाधिकार के खिलाफ कदम बताया था.

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि यह काम उच्चतम न्यायालय की निगरानी में हो रहा है और सभी को अपनी नागरिकता साबित करने का मौका मिलेगा. सिंह ने कहा था कि असम के लिए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का मसौदा पूरी तरह निष्पक्ष है और जिनका नाम इसमें शामिल नहीं है उन्हें घबराने की जरुरत नहीं है क्योंकि उन्हें भारतीय नागरिकता साबित करने का मौका मिलेगा. उन्होंने कहा कि जहां तक एनआरसी का सवाल है, ऐसा नहीं है कि यह हमारी सरकार आने के बाद हुआ हो. पहले भी असम के लोगों की मांग रही है. गृह मंत्री ने कहा, ‘ सरकार ने कुछ नहीं किया है, जो कुछ भी हो रहा है, यह उच्चतम न्यायालय की निगरानी में हो रहा है.’ उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का बहु-प्रतीक्षित दूसरा एवं आखिरी मसौदा 2.89 करोड़ नामों के साथ कल जारी कर दिया गया. एनआरसी में शामिल होने के लिए असम में 3.29 करोड़ लोगों ने आवेदन दिया था. इस दस्तावेज में 40.07 लाख आवेदकों को जगह नहीं मिली है.

गौरतलब है कि कल ममता बनर्जी ने यह घोषणा की थी कि वे असम जायेंगी और NRCAssam के अंतिम ड्राफ्ट का विरोध करेंगी. कल एनआरसी का फाइनल ड्रॉफ्ट जारी होने के बाद ममता ने कहा कि इस ड्रॉफ्ट में पासपोर्ट, आधार कार्ड और पहचान पत्र धारकों के नाम शामिल नहीं किये गये हैं. उन्होंने इस लिस्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सरकार जबरदस्ती लोगों को यहां से बेदखल करना चाहती है.

असम में 40 लाख लोगों की नागरिकता पर सवाल बंगालियों-बिहारियों को बाहर निकालने की साजिश : ममता

Next Article

Exit mobile version