Editors Guild ने निजी डेटा सुरक्षा विधेयक के मसौदे का किया स्वागत
नयी दिल्ली : एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने डेटा सुरक्षा विधेयक के मसौदे का मंगलवार को यह कहते हुए स्वागत किया कि उसमें पत्रकारों से संबंधित प्रावधान मीडिया पेशेवरों को अपने दायित्व के निर्वहन के दौरान संवेदनशील और गैर-संवेदनशील निजी डेटा के उपयोग की इजाजत देते हैं. डेटा उल्लंघन के मामलों में तीव्र वृद्धि के […]
नयी दिल्ली : एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने डेटा सुरक्षा विधेयक के मसौदे का मंगलवार को यह कहते हुए स्वागत किया कि उसमें पत्रकारों से संबंधित प्रावधान मीडिया पेशेवरों को अपने दायित्व के निर्वहन के दौरान संवेदनशील और गैर-संवेदनशील निजी डेटा के उपयोग की इजाजत देते हैं. डेटा उल्लंघन के मामलों में तीव्र वृद्धि के बीच पिछले हफ्ते इस नये कानून में प्रस्ताव किया गया कि किसी भी व्यक्ति की धार्मिक एवं राजनीतिक सोच, यौनसंबंधी झुकाव जैसी निजी सूचनाओं पर गौर करने से पहले उसकी स्पष्ट सहमति लेना जरूरी है.
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निजी डेटा सुरक्षा विधेयक-2018 का मसौदा निजी आंकड़ों के सीमापार स्थानांतर पर पाबंदी तथा शर्तें लगाता है तथा निजी सूचनाओं के किसी भी दुरुपयोग को रोकने के लिए भारतीय डेटा सुरक्षा प्राधिकरण के गठन का सुझाव देता है. यह मसौदा पिछले साल सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों पर आधारित है, जिसके अगुवा न्यायमूर्ति बीएन श्रीकृष्णा हैं.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने एक बयान में कहा कि वह निजी डेटा सुरक्षा विधेयक-2018 में पत्रकार संबंधी विशिष्ट प्रावधानों का स्वागत करता है, क्योंकि प्रावधान मीडिया पेशेवरों को अपने दायित्व के निर्वहन के दौरान संवेदनशील और गैर संवेदेनशील निजी डेटा के उपयोग की इजाजत देते हैं. उसने कहा कि पत्रकारीय उद्देश्यों के लिए एकत्र की गयी सूचनाओं को प्रस्तावित कानून में छूट सूची में रखकर न्यायमूर्ति बीएन श्रीकृष्णा की अगुवाई वाली समिति ने पत्रकारों को व्यक्तियों से मंजूरी लिए बगैर ही खबरों के लिए निजी सूचनाओं के संग्रहण, समीक्षा और संरक्षण की इजाजत दी है. हालांकि श्रीकृष्णा मसौदा कहता है कि पत्रकारों को भारतीय प्रेस परिषद या अन्य किसी मीडिया स्वनियामक संगठन की नीति संहिता का पालन करना होगा.