नयी दिल्ली : कांग्रेस ने असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के मुद्दे पर भाजपा अमित शाह के बयान को लेकर उन पलटवार किया और आरोप लगाया कि अमित शाह एंड कंपनी ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के ‘उत्तराधिकारी’ हैं और उसी की तरह समाज को बांट रहे हैं.
पार्टी ने लोकसभा में गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बयान का हवाला दिया और यह भी सवाल किया कि आखिर एनआरसी के मामले पर सिंह और शाह में से झूठ कौन बोल रहा है? कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘अमित शाह एंड कंपनी ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के उत्तराधिकारी हैं. बांटो और राज करो, नफरत फैलाओ और भारत के भाईचारे को छिन्न-भिन्न करो, ताकि वोट हसिल किया जा सके. यही उनका मुख्य एजेंडा है.’ उन्होंने कहा, ‘एक तरफ अमित शाह असम में एनआरसी का श्रेय ले रहे हैं, तो दूसरी तरफ मोदी सरकार नागरिकता (संशोधन) विधेयक ला रही है. ये दोनों एक-दूसरे के विरोधाभासी हैं.’ सुरजेवाला ने कहा, ‘गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि एनआरसी की प्रक्रिया उच्चतम न्यायालय की निगरानी में चल रही है. अमित शाह ने एनआरसी का श्रेय लेकर संसद में अपने ही गृह मंत्री के बयान को झूठ करार दिया.’ उन्होंने सवाल किया, ‘झूठ कौन बोल रहा है, राजनाथ सिंह या अमित शाह?’.
सुरजेवाला ने दावा किया कि एनआरसी की पूरी प्रक्रिया को राजनीतिक लाभ के लिए छिन्न-भिन्न करने के लिए इतिहास मोदी-शाह को कभी माफ नहीं करेगा. इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने भी शाह पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि राजनीतिक लाभ के लिए सत्तारूढ़ पार्टी समाज में दुर्भावना पैदा कर देश का अहित कर रही है. शर्मा ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘अमित शाह की मानसिकता रचनात्मक नहीं है. वो दुर्भावना फैलाने और समाज में बंटवारा लाने में विश्वास रखते हैं. वह सत्ताधारी दल के अध्यक्ष हैं, वह जो कह रहे हैं, उनके गृहमंत्री ने वो बात नहीं की.’ उन्होंने कहा, ‘मेरी चुनौती है कि अगर इसमें जरा भी सच्चाई है तो प्रधानमंत्री और गृहमंत्री आकर इस बात को सदन के अंदर दोहरायें. ये देश के लिए दुर्भाग्य की बात है कि सत्ताधारी दल का नेतृत्व अपनी जिम्मेवारी को नहीं समझता है और वे छोटे राजनीतिक लाभ के लिए देश का अहित करते हैं.’
अमित शाह ने मंगलवारको राज्यसभा में कहा कि असम में एनआरसी 1985 में कांग्रेस द्वारा घोषित योजना का परिणाम है और इसे लागू करने की कांग्रेस में हिम्मत नहीं थी इसलिए यह योजना अब तक लंबित रही. शर्मा ने कहा, ‘एनआरसी की प्रकिया में दोष है. बड़ी संख्या में अपने नागरिक इससे बाहर किये गये. इससे जो लोग प्रभावित हैं वो बंगाल, बिहार और दूसरे राज्यों के लोग हैं. उच्चतम न्यायालय की आड़ में भाजपा और सरकार को राजनीति नहीं करनी चाहिए. यह संवेदनशील विषय है.’ उन्होंने कहा, ‘देश के कई हिस्सों के लोग अलग-अलग प्रांतों में रहते हैं. इसलिए इसकी सही जांच होनी चाहिए ताकि कोई भारतीय नागरिक अपने अधिकार से वंचित नहीं रह जायें.’
शर्मा ने कहा, ‘विपक्ष को यह चिंता है कि अगर इतनी बड़ी संख्या में लोग बिखरते हैं तो क्या होगा. इसकी जिम्मेदारी सरकार और राज्य की बनती है. अपने ही देश में अपने नागरिक शरणार्थी नहीं बन सकते.’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘भाजपा विभाजन की लकीर खींच रही है. वह आनेवाले चुनाव के मद्देनजर समाज में दुर्भावना पैदा करने की कोशिश कर रही है.’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा के लोग गृह मंत्री के बयान से उलट बात कर रहे हैं.