अदालत ने टाइटलर के विरुद्ध नये आरोप पर अपना आदेश रखा सुरक्षित
नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने आज कहा कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीडितों के एक वरिष्ठ वकील द्वारा कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ दर्ज मानहानि संबंधी शिकायत में उनके (टाइटलर) विरुद्ध आपराधिक धमकी का आरोप जोडने या ऐसा नहीं करने के बारे में दो जुलाई को व्यवस्था दी जायेगी. अतिरिक्त […]
नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने आज कहा कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीडितों के एक वरिष्ठ वकील द्वारा कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ दर्ज मानहानि संबंधी शिकायत में उनके (टाइटलर) विरुद्ध आपराधिक धमकी का आरोप जोडने या ऐसा नहीं करने के बारे में दो जुलाई को व्यवस्था दी जायेगी. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गौरव राव की अदालत में टाइटलर पेश हुये. अदालत ने पहले उन्हें व्यक्तिगत रुप से पेश होने का आदेश दिया था.
अदालत ने शिकायतकर्ता वरिष्ठ अधिवक्ता एच एस फुलका के वकील की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. फुलका ने सात सितंबर, 2004 को एक निजी न्यूज चैनल में उनके खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर टाइटलर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.सुनवाई के दौरान अदालत ने जानना चाहा कि क्या फुलका अदालत के बाहर समझौता करना चाहेंगे, जिस पर इन वरिष्ठ वकील ने ‘ना’ में जवाब दिया और कहा कि टाइटलर ने उन पर जो आरोप लगाए वे बडे गंभीर प्रकृति के हैं.
फुलका के वकील ने कहा कि टीवी शो के दौरान टाइटलर ने उनके मुवक्किल की छवि खराब करने की मंशा से न केवल आरोप लगाए बल्कि उन्हें धमकी भी दी.इसी बीच टाइटलर के वकील ने कहा कि अदालत ने कथित मानहानि के आरोप में सम्मन जारी किए और इस चरण में कोई नया आरोप नहीं जोडा जा सकता. उन्होंने यह भी दलील दी कि अदालत अपने ही आदेश की समीक्षा नहीं कर सकती.
अदालत ने दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया और मामले को दो जुलाई के लिए मुल्तवी कर दी. फुलका के वकील ने पहले अदालत से कहा था कि टाइटलर पर भादसं की धारा 506 के तहत आपराधिक धमकी के अपराध को भी लेकर मुकदमा चलाया जाना चाहिए.टाइटलर के खिलाफ पहले यह मामला पंजाब में लुधियाना की अदालत में दर्ज कराया गया था. लेकिन बाद में, टाइटलर के अनुरोध पर उच्चतम न्यायालय ने उसे दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया था.