नयी दिल्ली : यमुना का जल स्तर आज 206.05 मीटर पर पुहंच गया. वहीं, हथनी कुंड बैराज से प्रति घंटा पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके चलते अधिकारियों को निचले इलाके खाली कराने पड़े और 14,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहंचाया गया. अधिकरियों ने बताया कि रात आठ बजे नदी का जलस्तर पुराने यमुना पुल पर 206.05 मीटर पर पहुंच गया. इस पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि नदी का जल आज दोपहर को 206.04 मीटर के स्तर पर पहुंच गया जबकि खतरे का निशान 204.83 मीटर पर है. उन्होंने बताया कि जल स्तर में और बढ़ोतरी होने की आशंका है. एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण अब तक 13,915 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
उन्होंने बताया कि जिन लोगों को उनके घरों से हटाया गया है उनके रहने के लिए 1,149 तंबू लगाए गए हैं. उन लोगों तक खाने पीने की चीजें और चिकित्सीय सहायता पहुंचाई जा रही है. दिल्ली सरकार के बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने कहा कि हथिनी कुंड बैराज से कुछ-कुछ अंतराल पर पानी छोड़ा जा रहा है. कल 5,13,554 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. पुलिस ने आज बताया कि बुराड़ी में श्मशाम घाट के पास 15 लोगों को यमुना नदी में डूबने से बचाया गया है. उन्होंने बताया किकल पुलिस को सूचना मिली थी कि एक ही परिवार के कम से कम 15 सदस्य नदी में डूबने की कगार पर हैं और उन्हें आपात सहायता की आवश्कता है.
उन्होंने बताया कि आठ व्यक्ति, चार महिलाओं और तीन बच्चों को स्थानीय लोगों, एनडीआरएफ, दिल्ली अग्निशमन सेवा की सहायता से बचाया गया. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कल अधिकारियों को प्रभावित लोगों के लिए समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे. इस बीच, राजस्व और बाढ़ एवं सिंचाई मंत्री कैलाश गहलोत ने कल प्रभावित इलाके का दौरा किया और अधिकारियों को समुचित इंतजाम करने का आदेश दिया. यमुना पर बने पुराने लोहे के पुल पर यातायात आज भी प्रभावित रहा. बारिश के कारण नदी के जल स्तर में वृद्धि को देखते हुए इस पुल को यातायात के लिए रविवार को बंद कर दिया गया था. यह पुल दिल्ली को पड़ोसी राज्यों से जोड़ने का प्रमुख माध्यम है. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक, यमुना में अब तक सबसे ज्यादा जल स्तर का रिकॉर्ड 1978 में रहा था, जब नदी का जल स्तर 207.49 मीटर पर पहुंच गया था.
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