तो क्या भारत की जनसंख्या वृद्धि दर को बढ़ा चढ़ाकर आंका गया?
लंदन : भारत की जनसंख्या वृद्धि दर उतनी भी ज्यादा नहीं है जितनी की मौजूदा मॉडलों से आंकी जाती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि लोगों के बीच विविधता और शिक्षा के स्तरों में अंतर से अधिक सटीक आंकड़े मिलने में मदद मिल सकती है. ऑस्ट्रिया में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एप्लाइड सिस्टम्स एनालिसिस के विश्व […]
लंदन : भारत की जनसंख्या वृद्धि दर उतनी भी ज्यादा नहीं है जितनी की मौजूदा मॉडलों से आंकी जाती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि लोगों के बीच विविधता और शिक्षा के स्तरों में अंतर से अधिक सटीक आंकड़े मिलने में मदद मिल सकती है.
ऑस्ट्रिया में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एप्लाइड सिस्टम्स एनालिसिस के विश्व जनसंख्या कार्यक्रम के निदेशक वॉल्फगांग लुट्ज ने कहा, भारत बहुत विविध है.
चूंकि समग्र यूरोप से अलग यह एक राष्ट्र है तो इसके साथ समान इकाई नहीं मानना चाहिए. ऐसा अनुमान है कि वर्ष 2025 तक भारत उच्च जनन दर और युवा आबादी के कारण चीन को पीछे छोड़कर दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा.
बहरहाल, भारत की आबादी का परिदृश्य इस पर निर्भर करता है कि आबादी का आकलन करने वाले मॉडलों में उसकी जनसंख्या के भीतर क्षेत्रों के बीच भिन्नता या विविधता को कैसे शामिल किया जाता है.