पूर्व PM देवगौड़ा की दो टूक : मेरे, मेरे बेटे के जीवनकाल में कर्नाटक का नहीं होगा विभाजन

नयी दिल्ली : कर्नाटक को बांटने की किसी भी पहल का विरोध करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री और जद (एस) सुप्रीमो एचडी देवगौड़ा ने उत्तर कर्नाटक के लोगों से अपील की कि भाजपा के उकसावे में नहीं आयें. उन्होंने कहा कि अलग राज्य की मांग उनके या उनके बेटे और मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के जीवनकाल में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 2, 2018 5:22 PM

नयी दिल्ली : कर्नाटक को बांटने की किसी भी पहल का विरोध करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री और जद (एस) सुप्रीमो एचडी देवगौड़ा ने उत्तर कर्नाटक के लोगों से अपील की कि भाजपा के उकसावे में नहीं आयें. उन्होंने कहा कि अलग राज्य की मांग उनके या उनके बेटे और मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के जीवनकाल में पूरी नहीं होगी.

देवगौड़ा का बयान ऐसे दिन आया जब उत्तर कर्नाटक प्रत्येक राज्य होराता समिति ने 13 जिलों में एक दिवसीय बंद का आह्वान किया. यह समिति कर्नाटक के उत्तरी हिस्से में अलग राज्य की मांग कर रही है. उन्होंने कहा, ‘राज्य बजट आवंटन में उत्तर कर्नाटक के लिए कोई अन्याय नहीं किया गया है.’ उन्होंने राज्य भाजपा के अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा पर दुष्प्रचार के माध्यम से अशांति फैलाने का प्रयास करने के आरोप लगाये. उन्होंने कहा, ‘येदियुरप्पा का उकसावा सही साबित नहीं होगा. हम इस पर ध्यान देंगे. अगर कुछ लोग अलग उत्तर कर्नाटक की मांग करते हैं तो मैं उनसे कहना चाहता हूं कि यह नहीं होगा, मेरे जीवनकाल में नहीं होगा और न ही मेरे बेटे के जीवनकाल में होगा.’

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के राज्य अध्यक्ष उत्तर कर्नाटक के लोगों को भड़का रहे हैं, क्योंकि काफी सीटें जीतने के बावजूद सरकार बनाने में विफल रहने के बाद उनका गुस्सा शांत नहीं हुआ है. गौड़ा ने आरोप लगाये कि पूर्व मुख्यमंत्री लोगों को कृषि ऋण माफी, राज्य बजट और अन्य मुद्दों पर धमका रहे हैं जिसका एकमात्र उद्देश्य अशांति पैदा करना है. पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य के एकीकरण के लिए कई नेताओं ने बलिदान दिया है. उन्होंने लोगों से अपील की कि भड़कावे में नहीं आयें और वर्तमान सरकार पर विश्वास करें. देवगौड़ा ने कहा कि कुमारस्वामी ने कुछ महत्वपूर्ण सरकारी विभागों को सुवर्ण विधान सौध में स्थानांतरित करने के आदेश दिये हैं जो बेलगावी में सचिवालय भवन है. समिति ने अलग राज्य की मांग करते हुए बंद की अपील की और आरोप लगाये कि सरकारों ने क्षेत्र के साथ भेदभाव किया है.

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