Next PM? बाबा रामदेव संभालेंगे देश की कमान…!
पहले अपने योग और फिर स्वदेशी उत्पाद पतंजलि के साथ हमारे घर-घर में पहुंच चुके स्वामी रामदेव भविष्य में भारत के प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की जगह ले सकते हैं. ऐसा कहना है अमेरिका के प्रसिद्ध अखबार ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ का. पिछले दिनों इस अखबार में छपी एक रिपोर्ट की मानें, तो स्वामी […]
पहले अपने योग और फिर स्वदेशी उत्पाद पतंजलि के साथ हमारे घर-घर में पहुंच चुके स्वामी रामदेव भविष्य में भारत के प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की जगह ले सकते हैं. ऐसा कहना है अमेरिका के प्रसिद्ध अखबार ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ का.
पिछले दिनों इस अखबार में छपी एक रिपोर्ट की मानें, तो स्वामी रामदेव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ज्यादा ताकतवर हैं और वह भविष्य में भारत के प्रधानमंत्री बन सकते हैं.
‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने बाबा रामदेव के कारोबार और उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. इसमें यह बताया गया है कि कैसे वह जीवन के शुरुआती संघर्ष से जूझते हुए एक योगगुरु के रूप में भारतीय मध्यम वर्ग में अपने बड़े योग शिविरों और टेलीविजन की मदद से लोकप्रियता हासिल करते गये. उन्होंने अपनी दवा और कंज्यूमर गुड्स कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को कई अरब डॉलर का बना दिया.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी इस रिपोर्ट की शुरुआत कुछ इस तरह की है, इसी साल फरवरी महीने में नयी दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में भारत सरकार के कई मंत्रियों के अलावा कई प्रभावशाली हस्तियां इकट्ठा हुई थीं. ये सब एक खास शख्सियत की बायोपिक फिल्म देखने के लिए आये थे, जिसका शो पहली बार उस शाम को दिखाया जाना था.
मंच के बीच में मुस्कुराते राजनेताओं और कैबिनेट के सदस्यों के बीच वह शख्स भी बैठा था, जिसके जीवन पर यह फिल्म केंद्रित थी. शरीर पर लंबी केसरिया धोती, लंबी दाढ़ी, सीने पर घने बाल और बालों का जूड़ा बांधे बैठे ये शख्स योगगुरु स्वामी रामदेव थे.
‘अरब स्प्रिंग अपराइजिंग्स ऑफ 2011’ और ‘अ रेज फॉर ऑर्डर’ जैसी मशहूर किताबें लिख चुके रॉबर्ट एफ वर्थ ने अपनी इस रिपोर्ट में लिखा है कि बाबा रामदेव एक तरह से भारत के डोनाल्ड ट्रम्प हैं और भारत में ऐसी अटकलें लगायी जाती हैं कि आनेवाले समय में वह खुद प्रधानमंत्री की दौड़ में शामिल हो सकते हैं.
वर्थ ने लिखा है कि ट्रंप के जैसे उनके पास अरबों का साम्राज्य है. ट्रंप की तरह वह बहुत बड़ी टीवी सेलिब्रिटी हैं. हर्बल औषधियों से लेकर टूथपेस्ट, आटा, दाल, नमक, तेल, आटा नूडल, गो मूत्र से बने फ्लोर क्लीनर के बाद उन्होंने हाल ही में बीएसएनएल के साथ मिलकर स्वदेशी सिम कार्ड लांच किया.
एक तरह से स्वामी रामदेव अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की तरह भारत के बिजनेस टाइकून हैं. रामदेव किसी देश के प्रधानमंत्री से अधिक पावरफुल हैं.
यहां यह जानना गौरतलब है कि विश्वभर में योगगुरु के तौर पर अपनी पहचान बनानेवाले बाबा रामदेव योग के अलावा राजनीतिक मामलों को लेकर भी सुर्खियों में रहते हैं.
राजनेताओं से लेकर बॉलीवुड सितारे तक बाबा रामदेव के प्रशंसकों की सूची में शामिल हैं. भारत ही नहीं, विदेशों में भी उनके चर्चे हैं.
रॉबर्ट एफ वर्थ ने न्यूयॉर्क टाइम्स में लिखा है कि स्वामी रामदेव ने 2014 में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक आंदोलन चलाया था. इस आंदोलन ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनवाने में मदद की.
योगगुरु रामदेव कई मौकों पर पीएम मोदी के साथ मंच साझा कर चुके हैं. रामदेव ने पीएम मोदी को करीबी मित्र बताया था और प्रधानमंत्री मोदी भी पतंजलि के उत्पादों की तारीफ कर चुके हैं.
रॉबर्ट एफ वर्थ आगे लिखते हैं कि योगगुरु रामदेव का नाम और चेहरा भारतभर में घर-घर जाना माना नाम बन चुका है. उन्होंने रामदेव की तुलना सदर्न बाप्टिस्ट फायरब्रांड बिली ग्राहम से की है, जो अमेरिका के कई राष्ट्रपतियों को सलाह देते रहे और ईसाई धर्म को नयी ऊर्जा दी. कुछ इसी तरह का माहौल यहां भी है, पिछले कुछ वर्षों में रामदेव हिंदुओं के अधिकारों की सशक्त आवाज बनकर उभरे हैं.
न्यूयॉर्क टाइम्स आगे लिखता है, बाबा रामदेव के साम्राज्य का केंद्र हरिद्वार है. हिंदू मान्यता के अनुसार यह पवित्र स्थान है. हजारों श्रद्धालु हरसाल यहां गंगा में डुबकी लगाने आते हैं. ऋषिकेश यहां से ज्यादा दूर नहीं है, जहां 60 के दशक में महर्षि महेश योगी केंद्र था.
पतंजलि का मुख्य ऑफिस किसी एयरपोर्ट से कम नहीं है. इसके अंदर पार्किंग लॉट्स,बड़ा कैफेटेरिया, लॉन और फव्वारे हैं. यहां पर पतंजलि यूनिवर्सिटी के छात्रों की योग विज्ञान विभाग जर्सी को अगर आप पढ़ नहीं पाये, तो सकता है कि आपको सिलीकॉन वैली का भ्रम हो जाये.
रिपोर्ट में लिखा गया है कि बाबा रामदेव यहीं से थोड़ी दूर रहते हैं. स्वामी रामदेव सुबह चार बजे से आठ बजे तक योग की कक्षाएं लेते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, रामदेव की पतंजलि ने पिछले एक दशक में 1.6 अरब डॉलर का कारोबार किया है. बाबा रामदेव 2025 तक पतंजलिका सालाना कारोबार 15 अरब डॉलर तक ले जाना चाहते हैं. अगर ऐसा हुआ, तो पतंजलि देश की सबसे बड़ी कंपनी होगी.