Aadhaar हेल्पलाइन नंबर से आपके फोन में कौन लगा रहा सेंध?
नयी दिल्ली : आधार कार्ड बनाने वाली संस्था यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) का टॉल फ्री नंबर 18003001947 विवादों में है. शुक्रवार की सुबह देशभर कई स्मार्टफोन यूजर्स को उस समय झटका लगा, जब उन्होंने अपने फोन के कॉन्टैक्ट लिस्ट में आधार अथॉरिटी यूआईडीएआई का ट्रोल फ्री नंबर देखा. यूआईडीएआई का यह नंबर टोल […]
नयी दिल्ली : आधार कार्ड बनाने वाली संस्था यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) का टॉल फ्री नंबर 18003001947 विवादों में है.
शुक्रवार की सुबह देशभर कई स्मार्टफोन यूजर्स को उस समय झटका लगा, जब उन्होंने अपने फोन के कॉन्टैक्ट लिस्ट में आधार अथॉरिटी यूआईडीएआई का ट्रोल फ्री नंबर देखा.
यूआईडीएआई का यह नंबर टोल फ्री नंबर अचानक कई स्मार्टफोन यूजर्स के फोन में डिफॉल्ट रूप में सेव हो गया. ट्विटर पर यूजर्स ने इस ऑटो सेविंग पर सवाल उठाया है. आखिर लोगों की कॉन्टैक्ट लिस्ट का एक्सेस UIDAI कैसे कर सकता है.
दरअसल, 1800 300 1947 आधार का पुराना ट्रोल फ्री नंबर है, जिसे लगभग दो साल पहले 1947 से बदल दिया गया है. यह नंबर शुक्रवार को कई स्मार्टफोन यूजर्स के फोन में अचानक सेव हो गया.
देखते ही देखते सोशल मीडिया पर इस बात की चर्चा होने लगी कि जब यूजर ने इस नंबर को अपने फोन में सेव नहीं किया, तो यह अपने आप कॉन्टैक्ट लिस्ट में कैसे आ गया.
यह सबकुछ तब हुआ जब किसी यूजर के फोन में आधार का मोबाइल ऐप mAadhaar भी इंस्टॉल नहीं था. कहीं यह हैकिंग या साइबर अटैक का कोई मामला तो नहीं?
इस पूरे घटनाक्रम पर आधार कार्ड बनाने वाली संस्था UIDAI ने ट्विटर के जरिये मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया और कहा कि मोबाइल नंबर को स्टोर किये जाने में उसका हाथ नहीं है.
UIDAI की मानें, तो ऐसा निहित स्वार्थ वाले एक थर्ड पार्टी द्वारा किया गया है, ताकि आम लोगों के बीच गैरजरूरी कंफ्यूजन पैदा हो. अब यह थर्ड पार्टी कौन है?
इसका जवाब सिर्फ यूआईडीएआई के पास है. लेकिन संस्था की ओर से सिर्फ यही कहा गया है कि उसने टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइटर या मोबाइल निर्माता कंपनियों को इस नंबर को हर फोन में स्टोर करने का कोई निर्देश नहीं दिया है.
UIDAI ने कहा कि इस टोल फ्री नंबर के एंड्रॉयड स्मार्टफोन में स्टोर होने की खबर है. इस बीच सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने बयान जारी किया है कि कई मोबाइल हैंडसेट के फोन बुक में यह अनजान नंबर मौजूद होने में किसी टेलीकॉम प्रोवाइडर का हाथ नहीं है.