गुवाहाटी : एनआरसी के प्रदेश समन्वयक प्रतीक हाजेला ने आज कहा कि जिन लोगों के खिलाफ विदेशी अधिकरण में मामले लंबित हैं, उन्हें अंतिम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) में जगह नहीं दी जाएगी. हालांकि, असली भारतीय नागरिकों को छोड़ा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि 30 जुलाई को जारी एनआरसी के अंतिम मसौदे में कुछ ‘विदेशियों’ के नाम शामिल हैं जबकि उन्होंने इस तथ्य को छिपाया कि उनके खिलाफ विदेशी अधिकरण में मामले लंबित हैं.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, कई ने नाम में सुधार किया, पता बदला और अपनी पहचान भी बदल ली. हाजेला ने यहां कहा, ‘जिन लोगों के नाम विदेशी अधिकरण में लंबित हैं, उन्हें अंतिम सूची में जगह नहीं दी जाएगी.’ असम में एनआरसी को तैयार करने की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रही है और अंतिम मसौदा 30 जुलाई को जारी किया गया. इसमें 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम शामिल किये गये. 40 लाख आवेदकों के नाम को अंतिम मसौदे में जगह नहीं मिली. गत दो अगस्त को एक अधिकारी ने कहा था कि 39 परिवारों के 200 संदिग्ध विदेशियों के नाम एनआरसी के मसौदे में शामिल किये गए हैं.
इस बात का पता मसौदे के मुद्रण की प्रक्रिया के दौरान चला. हाजेला ने आज कहा, ‘‘हम विदेशी अधिकरणों में लंबित मामलों पर नजर रखेंगे और अगर अधिकरण उन्हें विदेशी घोषित करता है तो उनके नामों को शामिल नहीं किया जाएगा.’ उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि सभी भारतीयों के नाम शामिल किये जाएंगे. हाजेला ने कहा, ‘यह निरंतर प्रक्रिया है और कानून मुझे सभी अनियमितताएं या त्रुटियां हटाने और त्रुटिमुक्त और विदेशी मुक्त अंतिम एनआरसी का प्रकाशन सुनिश्चित करने की अनुमति देता है.’ उन्होंने कहा कि जिन लोगों के नाम एनआरसी के अंतिम मसौदे में शामिल नहीं किये गए हैं वे 30 अगस्त से 28 सितंबर के बीच दावा, आपत्तियां और फिर से जवाब दाखिल कर सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘हम सौंपे गए आवेदन के अनुसार प्रत्येक मामले पर विचार करेंगे, सुनवाई करेंगे और उन्हें मंजूरी देंगे या उसका निपटारा करेंगे.’
प्रदेश समन्वयक ने कहा कि लोगों को अपनी विरासत को साबित करने के लिए नये दस्तावेज सौंपने की अनुमति दी गयी है. वे पुराने, नये या मिश्रित दस्तावेज भी इस उद्देश्य के लिये सौंप सकते हैं. हाजेला ने कहा कि मसौदा एनआरसी में तीन तरह की त्रुटियां पाई गयी हैं. गलत तरीके से नाम नहीं शामिल किया जाना–इसके लिए दावा दाखिल किया जा सकता है, गलत तरीके से नाम शामिल किया जाना-इसके लिए आपत्ति दायर की जा सकती है और नाम और पता में त्रुटियां शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि लोग सुधार के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसे 30 अगस्त से 28 सितंबर की अवधि के लिए आवेदन, दावा और आपत्तियों के लिए तैयार किया गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय फिलहाल दावों और आपत्तियों पर विचार के लिये मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट को 16 अगस्त को एसओपी सौंपा जाएगा. इसके बाद शीर्ष अदालत भावी कार्रवाई के लिए तारीख निर्धारित करेगी.