बेंगलूर: प्रसिद्ध हिंदी पत्रकार एवं लेखक एचवाई नारायण दत्त का आज यहां निधन हो गया.वह 85 साल के थे.उन्हें हृदय रोग था. दत्त वरिष्ठ पत्रकार और विद्वान थे और इंदिरा गांधी एवं राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार रहे एच वाई शारदा प्रसाद के छोटे भाई थे.
उनके भाई एच वाई मोहनराम ने बताया, ‘‘उनकी ओपन हार्ट सर्जरी हुई थी और कुछ दिक्कतें पैदा हो गईं थीं. उनका निधन आज सुबह बेंगलूर के एक अस्पताल में हो गया.’’ दत्त का शानदार पत्रकारिता जीवन पांच दशक तक फैला रहा.इस दौरान उन्होंने 1981 में पीटीआई में पत्रकार के तौर पर काम शुरु करने के बाद संस्थान की हिंदी फीचर सेवा की शुरुआत की और उसका कार्यभार संभाला.1993 में अवकाश ग्रहण करने तक उन्होंने यह कार्यभार संभाला. दत्त ने इंडियन एक्सप्रेस समूह के प्रकाशन में भी काम किया.उन्होंने समूज की फिल्म पत्रिका ‘स्क्रीन’ में काम किया.वह हिंदी मासिक पत्रिका ‘नवनीत’ के संपादक भी रहे.
उन्होंने दिग्गज पत्रकार एवं लेखक बनारसी दास चतुर्वेदी के संपादित पत्रों का संकलन भी किया.मोहनराम ने बताया कि दत्त तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा सम्मनित उन हिंदी पत्रकारों में शामिल थे जिनकी मातृभाषा हिंदी नहीं थी.दत्त कन्नड भाषी परिवार में पैदा हुए.
उत्तर प्रदेश संस्थान ने हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ठ योगदान के लिए उन्हें 1992 में सौहाद्र सम्मान से सम्मानित किया था.अगले साल, 1993 में केंद्रीय हिंदी संस्थान ने उन्हें गणोश शंकर विद्यार्थी सम्मान से सम्मानित किया.2006 में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय ने उन्हें डी लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया. मोहनराम ने बताया कि दत्त ने सही परिप्रेक्ष्य में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के प्रचार-प्रसार को बढावा दिया. दत्त अविवाहित थे.