Quit India: 1942 में आज ही के दिन गांधीजी ने शुरू किया था वह आंदोलन, जिससे अंग्रेज हुए भारत छोड़ने को मजबूर
आज 9 अगस्त है. भारत के इतिहास में यह तारीख खास अहमियत रखती है. सन् 1942में आज ही के दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया था. उस समय उन्होंने लोगों से करो या मरो का आह्वान किया था. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. भारत को जल्द आजादी दिलाने के […]
आज 9 अगस्त है. भारत के इतिहास में यह तारीख खास अहमियत रखती है. सन् 1942में आज ही के दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया था.
उस समय उन्होंने लोगों से करो या मरो का आह्वान किया था. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. भारत को जल्द आजादी दिलाने के लिए अंग्रेजी साम्राज्य के विरुद्ध यह बड़ा नागरिक अवज्ञा आंदोलन था.
9 अगस्त को ऑपरेशन जीरो आवर के तहत महात्मा गांधी, सरोजिनी नायडू और सरदार पटेल समेत कांग्रेस के सभी बड़े नेता गिरफ्तार कर लिये गये. इस आंदोलन में सैकड़ों लोग मारे गये, हजारों घायल हुए और जेलों में डाले गये.
‘भारत छोड़ो’ (क्विट इंडिया) के नारे के साथ 1942 में ‘अगस्त क्रांति’ की शुरुआत हुई थी. इस आंदोलन में समाज के हर तबके के लोगों ने हिस्सा लिया.
किसानों, महिलाओं, छात्रों, नौजवानों के साथ-साथ विभिन्न विचारधारा के लोगों ने इसमें शिरकत की और अपना बलिदान दिया. यह दूसरे विश्व युद्ध का समय था और लोगों के लिए मुश्किल माहौल था.
ब्रिटिश सरकार ने तमाम तरह के सख्त कानून थोप दिये थे और किसी भी तरह की राजनीतिक गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी थी. इन सबके बावजूद लोगों ने बहादुरी के साथ यह आंदोलन चलाया.
यह ‘अगस्त क्रांति’ का ही नतीजा था कि दूसरे विश्व युद्ध के खत्म होते-होते अंग्रेजों ने भारत छोड़ने की तैयारी शुरू कर दी.
शिमला कांफ्रेंस, कैबिनेट मिशन, माउंटबेटन योजना, संविधान सभा- यह सब ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन की वजह से ही संभव हो सका और 15 अगस्त 1947 को हमारा भारत एक आजाद देश बन गया.