#MarathaReservation पर आज महाराष्ट्र बंद, सरकार बोली – 15 नवंबर तक कुछ नहीं कर सकते

मुंबई : मराठासंगठनों ने आरक्षण देने की मांग को लेकर आज महाराष्ट्र बंद बुलाया है. इसके मद्देनजर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये हैं. सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने रेपिड एक्शन फोर्स की छह कंपनियां, एवं सीआइएसएफ एवं राज्य रिजर्व पुलिस बल की एक-एक कंपनी तैनात की है. ध्यान रहे कि पिछले महीने बंद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 9, 2018 8:44 AM

मुंबई : मराठासंगठनों ने आरक्षण देने की मांग को लेकर आज महाराष्ट्र बंद बुलाया है. इसके मद्देनजर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये हैं. सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने रेपिड एक्शन फोर्स की छह कंपनियां, एवं सीआइएसएफ एवं राज्य रिजर्व पुलिस बल की एक-एक कंपनी तैनात की है. ध्यान रहे कि पिछले महीने बंद के कारण कुछ जगहों पर हिंसक स्थिति उत्पन्न हुई थी.

प्रशासन ने लोगों से कानून हाथ में नहीं लेने की अपील की है और शांति व्यवस्था को बनाये रखने का आग्रह किया है. राज्य के मुख्य सचिव डीके जैन ने बंद से पहले हालात की समीक्षा की है और तैयारियों का जायजा लिया है. उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि उपनगरीय रेल सेवा सुचारु ढंग से चले तथा स्कूल एवं अन्य सेवाएं प्रभावित न हों. पुलिस सोशल मीडिया संदेशों पर भी निगाह रखेगी.

महाराष्ट्र में 30 प्रतिशत आबादी मराठों की है और वे ओबीसी श्रेणी में आरक्षण की मांग कर रहे हैं. इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी परेशान है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा अध्यक्ष अमित साथ से भी बैठक की है. साथ ही आरक्षण देने का आश्वासन भी दिया गया है.

मंत्री बोले 15 नवंबर तक कुछ नहीं कर सकती है सरकार

मुंबई: महाराष्ट्र में कल आहूत बंद से पहले राज्य के वरिष्ठ मंत्री ने मराठा आरक्षण के पक्ष में प्रदर्शन कर रहे लोगों की आकांक्षाओं पर पानी फेरते हुए आज कहा कि उनकी मांगों के संबंध में 15 नवंबर तक कोई फैसला नहीं लिया जा सकता. महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि 15 नवंबर तक इस सिलसिले में कुछ नहीं किया जा सकता है. मराठा समुदाय को आरक्षण देने के संबंध में समयबद्ध कार्यक्रम पेश करने की जिम्मेदारी महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को सौंपी गयी है, जो अपनी रिपोर्ट 15 नवंबर को देगा. भाजपा नेता ने मिराज और सांगली जिलों में संवाददाताओं से कहा कि आयोग ने इसके लिए 15 नवंबर तक का समय मांगा है. इसी कारण सरकार उस वक्त तक सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में मराठा समुदाय को आरक्षण देने के संबंध में सरकार कोई फैसला नहीं ले सकती है. आयोग को इस संबंध में 1.87 लाख सलाह और ज्ञापन मिले हैं, जिनका गहन अध्ययन करना जरूरी है. इनमें से कुछ तो 300 पन्नों के हैं.

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