केरल में भारी बारिश जारी, 30 हजार लोग राहत शिविरों में

तिरुवनंतपुरम : केरल के विभिन्न हिस्सों खासतौर से उत्तरी इलाकों में मंगलवार को सुबह भारी बारिश हुई जिससे लोगों की मुसीबतें और बढ़ गयीं. राज्य में हजारों लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं. स्थिति के मद्देनजर ज्यादातर स्थानों पर शैक्षिक संस्थानों ने आज अवकाश घोषित किया है. आपदा नियंत्रण कक्ष के सूत्रों ने बताया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 14, 2018 3:37 PM

तिरुवनंतपुरम : केरल के विभिन्न हिस्सों खासतौर से उत्तरी इलाकों में मंगलवार को सुबह भारी बारिश हुई जिससे लोगों की मुसीबतें और बढ़ गयीं. राज्य में हजारों लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं. स्थिति के मद्देनजर ज्यादातर स्थानों पर शैक्षिक संस्थानों ने आज अवकाश घोषित किया है.

आपदा नियंत्रण कक्ष के सूत्रों ने बताया कि वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, कन्नूर, कासरगोड और पलक्कड में भारी बारिश हो रही है. इनमें से ज्यादातर स्थानों पर सोमवार को भूस्खलन की खबरें भी आईं. मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने यहां पत्रकारों से कहा कि भारी बारिश के कारण 20,000 से ज्यादा मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, सड़कों का 10 हजार किमी तक के हिस्से बह गये और राज्य भर में 30,000 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं.

दक्षिणी राज्य में आठ अगस्त से भारी बारिश हो रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य द्वारा आयोजित किए जाने वाले वार्षिक ‘ओणम’ समारोहों का आयोजन ना करने और इसके लिए दी जाने वाली धनराशि का इस्तेमाल राहत उपायों में करने का फैसला किया है. मौसम विज्ञानियों ने आज क्षेत्र में आंधी-तूफान का अनुमान जताया है. बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित वायनाड के कई इलाके पूरी तरह डूबे हुए हैं और जिले में बानसुरा बांध में जल स्तर आज सुबह पांच बजे तक 775.60 मीटर के स्तर पर पहुंच गया.

अगर और पानी छोड़ा गया तो हालात बदतर हो जाएंगे. वायनाड में 13,461 लोग 124 शिविरों में रह रहे हैं. केरल में अगले 24 घंटों में भारी से भीषण बारिश का अनुमान जताया गया है जिससे लग रहा है कि लोगों की परेशानियां जल्द खत्म होने वाली नहीं है. इडुक्की बांध में जलस्तर घटने के चलते पांच में से दो जलद्वार बंद कर दिए गये हैं जिन्हें 26 साल बाद खोला गया था.

बहरहाल, चिंता की बात यह है कि इडुक्की जिले में मुल्लापेरियार बांध में जलस्तर बढ़ रहा है. बांध में जलस्तर 136.10 फुट पर पहुंच गया जबकि इसकी अधिकतम क्षमता 142 फुट है. प्रशासन ने बताया कि अलर्ट जारी कर दिया गया है और लोगों को आगाह कर दिया गया है. पंपा नदी में जल स्तर बढ़ने के कारण अयप्पा श्रद्धालुओं को सबरीमला तीर्थयात्रा ना करने की सलाह दी गई है.

त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के अध्यक्ष ए पद्मकुमार ने कहा, ‘‘पूजा कल निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगी.” उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रा पर आ रहे लोग इस बात से अनजान है कि निलाक्कल में ठहरने पर पाबंदियां हैं. मंदिर का प्रबंधन करने वाले टीबीडी, जिला प्रशासन और पुलिस ने श्रद्धालुओं के लिए अलर्ट जारी किया है तथा जल स्तर घटने तक उन्हें विभिन्न स्थानों पर रोकने का फैसला किया है. सबरीमला की तलहटी में बहने वाली पंपा नदी में भी बाढ़ आ गयी है जिससे इमारतें और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई हैं तथा बिजली के खंभे उखड़ गए हैं.

राज्य में आठ अगस्त से बारिश का कहर जारी है जिसमें 39 लोगों की जान जा चुकी है। मछुआरों को समुद्र में ना जाने की चेतावनी दी गई है.

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