मोदी से मिलीं जयललिता, सरकार को समर्थन की संभावना से नहीं किया इंकार
नयी दिल्ली : तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और राज्यसभा में अल्पमत का सामना कर रहे सत्तारुढ़ राजग को अपनी पार्टी अन्नाद्रमुक की ओर से समर्थन देने की संभावना से इंकार नहीं किया. मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद जयललिता ने पहली बार उनसे उनके कार्यालय में […]
नयी दिल्ली : तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और राज्यसभा में अल्पमत का सामना कर रहे सत्तारुढ़ राजग को अपनी पार्टी अन्नाद्रमुक की ओर से समर्थन देने की संभावना से इंकार नहीं किया. मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद जयललिता ने पहली बार उनसे उनके कार्यालय में भेंट की.
प्रधानमंत्री से 50 मिनट की अपनी मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने उनके सामने 65 पृष्ठ का ज्ञापन सौंपा जिसमें तमिलनाडु को अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराने और मुल्लापेरियार बांध का जल स्तर 142 फुट तक बढ़ाने के उच्चतम न्यायालय के निर्णय के आलोक में उप-समिति गठित करने के काम में तेजी लाने की मांग शामिल है. इस बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान मोदी के साथ भेंट को बहुत उपयोगी बताया.
यह पूछे जाने पर कि क्या अन्नाद्रमुक राजग में शामिल होगा, पार्टी प्रमुख ने कहा, कोई प्रस्ताव नहीं है.
राजग को बाहर से समर्थन देने के प्रश्न पर जयललिता ने कहा, राजग को अपने बूते बहुमत प्राप्त है. यही नहीं, भाजपा को भी अपने बूते बहुमत प्राप्त है. उन्हें बाहर से किसी के समर्थन की जरुरत नहीं है. राज्यसभा में सरकार को समर्थन देने के संभावना से इंकार नहीं करते हुए उन्होंने कहा, हालात आने पर हम देखेंगे. लोकसभा में भाजपा को अपने बूते बहुमत प्राप्त है लेकिन राज्यसभा में ऐसा नहीं है. महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने के लिए उसे उच्च सदन में क्षेत्रीय दलों के समर्थन की आवश्यकता पडेगी.
राज्यसभा में भाजपा के 42 और अन्नाद्रमुक के 10 सदस्य हैं. 243 सदस्यीय उच्च सदन की वर्तमान संख्या 231 है. लोकसभा में भी भाजपा और कांग्रेस के बाद अन्नाद्रमुक 37 सीट के साथ तीसरी सबसे बडी पार्टी है. तमिलनाडु की मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन, केंद्रीय उर्जा इकाइयों से बिजली के और अधिक आवंटन, चेन्नई मेट्रो रेल के विस्तार सहित राज्य की कई अन्य परियोजनाओं को केंद्र की ओर से सहयोग करने की मांग की. प्रधानमंत्री के अलावा वह वित्त मंत्री अरुण जेटली से भी मिलीं और उनके सामने अपने राज्य की मांगों को रखा.