नयी दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न और भाजपा के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी को पाकिस्तान से प्रकाशित सभी प्रमुख अखबारों ने भी याद किया है. पाकिस्तान के प्रमुख अंग्रेजी अखबार ‘द डॉन’ ने अपने पहले पन्ने पर वाजपेयी के निधन से जुड़ी एक छोटी सी खबर छापी है. अखबार ने अपने तीसरे पन्ने पर इस बारे में विस्तार से बताया है.
साथ ही उन्हें पाकिस्तान से वार्ता का शांति दूत कहा है. वहीं ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपने पहले पन्ने पर वाजपेयी की एक मुस्कुराती हुई तस्वीर लगायी है. ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने भी अंदर के पन्ने पर विस्तार से लिखा है. अंग्रेजी अखबार ‘इंटरनेशनल द न्यूज’ ने भी इस खबर को पहले पन्ने पर छापा है. वहीं जंग नामक उर्दू न्यूज पोर्टल ने अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी तीन खबरें प्रकाशित की हैं. पाकिस्तान में ट्विटर पर भी अटल बिहारी वाजपेयी की मौत ट्रेंडिंग विषयों में रही. ज्यादातर पाकिस्तानियों ने उन्हें 1999 में की गयी उनकी लाहौर बस यात्रा के लिए याद किया. पत्रकार गिबरान अशरफ के अनुसार अटल का कार्यकाल आखिरी शासनकाल था तब भारत और पाकिस्तान करीब आये थे.
पाक समेत दक्षेस देशों के नेता पहुंचे
वाजपेयी ने 15 वर्ष पहले कहा था कि ‘आप दोस्त बदल सकते हैं पड़ोसी नहीं’ और पड़ोसी देशों के साथ उनकी सौहार्दता की झलक तब मिली, जब पाकिस्तान सहित दक्षेस देशों के नेता उनके अंतिम संस्कार में उपस्थित हुए. भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, पाकिस्तान के कानून मंत्री अली जाफर, नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली, बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली और श्रीलंका के कार्यवाहक विदेश मंत्री लक्ष्मण किरीला सहित कई विदेशी हस्तियों ने वाजपेयी के अंतिम संस्कार के दौरान अपनी उपस्थिति दर्ज करायी और उन्हें श्रद्धांजलि दी. अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने भी स्मृति स्थल पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये.