एंबुलेंस में ही खत्म हो गया ऑक्सीजन, बच्ची की चली गयी जान

रायपुर : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में अस्पताल ले जाने के दौरान कथित तौर पर एम्बुलेंस में ऑक्सीजन खत्म होने के कारण पांच वर्षीय बालिका की मृत्यु हो गयी. बीजापुर जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी बीआर पुजारी ने बताया कि बीजापुर जिला अस्पताल से जगदलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाते समय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 28, 2018 7:52 AM

रायपुर : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में अस्पताल ले जाने के दौरान कथित तौर पर एम्बुलेंस में ऑक्सीजन खत्म होने के कारण पांच वर्षीय बालिका की मृत्यु हो गयी. बीजापुर जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी बीआर पुजारी ने बताया कि बीजापुर जिला अस्पताल से जगदलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाते समय बुलबुल कुडियाम की मृत्यु हो गयी है.

पुजारी ने बताया कि बीजापुर जिले के तोयनार गांव निवासी कुडियाम जिले के माटवाड़ा गांव में लड़कियों के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित आश्रम स्कूल में पहली कक्षा की छात्रा थी. पिछले दिनों उसके बीमार पड़ने के बाद उसके पिता उसे अपने गांव तोयनार ले गये थे. अधिकारी ने बताया कि बीमार पड़ने के बाद बालिका को 22 अगस्त को बीजापुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां जानकारी मिली थी कि बालिका गंभीर निमोनिया से पीड़ित थी. बालिका की गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए डॉक्टरों ने उसके माता-पिता की सहमति से उसे बीजापुर से लगभग 160 किमी दूर स्थित जगदलपुर में स्थानांतरित करने का फैसला किया था. बालिका को एम्बुलेंस से स्थानांतरित किया जा रहा था तथा उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था.

पुजारी ने बताया कि सूचना मिली है कि एम्बुलेंस जब रास्ते में तोकापाल गांव के करीब पहुंचा तब सिलेंडर में ऑक्सीजन समाप्त हो गया. बाद में जगदलपुर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने बालिका को मृत घोषित कर दिया. पुजारी ने कहा कि आम तौर पर बीजापुर से जगदलपुर में मरीजों को स्थानांतरित करने के लिए एक ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता होती है लेकिन यह जल्दी समाप्त हो गया था, इसकी जांच की जाएगी. जब पूछा गया कि चालक के अलावा एम्बुलेंस में कोई मेडिकल तकनीशियन उपलब्ध नहीं था तब सीएमएचओ ने कहा कि अस्पताल में 108 आपातकालीन सेवा का एक एम्बुलेंस है जिसमें तकनीशियन है. लेकिन वह पहले से ही एक अन्य मरीज को जगदलपुर स्थानांतरित करने के लिए गया था.

उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस चालक समय पर बीजापुर में स्वास्थ्य अधिकारियों से संपर्क करता तब उसे करीब के 102 या 108 एम्बुलेंस सेवा से ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की जाती। बालिका के पिता चमरु कुडियाम ने बीजापुर जिला अस्पताल के प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है जिससे उसकी बेटी की मौत हुई है. उन्होंने आश्रम स्कूल प्रबंधन पर भी आरोप लगाया है जहां उनकी बेटी को समय पर इलाज नहीं दिया गया.

कुड़ियाम ने बताया कि जब एम्बुलेंस तोकापाल गांव के पास पहुंचा तब सिलेंडर में आपूर्ति कम हो गई। चालक ने इस दौरान तोकापाल अस्पताल से एक और सिलेंडर की व्यवस्था करने की कोशिश की थी लेकिन वहां कर्मचारियों ने इनकार कर दिया था. बालिका के पिता ने कहा है कि एम्बुलेंस में कोई तकनीशियन नहीं था. अस्पताल प्रबंधन और आश्रम स्कूल उसकी बेटी की मौत के लिए जिम्मेदार हैं.

इधर बीजापुर के कलेक्टर केडी कुंजाम ने कहा है कि उन्होंने सीएमएचओ को जितनी जल्दी हो सके इस घटना में विस्तृत जांच रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है.

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