रंग लायी MODI सरकार की मेहनत, दिल्ली-UP सहित इन 6 राज्यों में अब नहीं होगा जल संकट

नयी दिल्ली : उत्तराखंड में यमुना नदी पर प्रस्तावित लखवार बहु उदेशीय परियोजना के क्रियान्वयन के लिए दिल्ली में मंगलवार को छह बेसिन राज्यों के मध्य समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किये गये. यहां चर्चा कर दें कि यमुना पर भी स्वच्छता के 34 प्रोजेक्ट पर काम जारी है, इनमे बारह प्रोजेक्ट केवल देश की राजधानी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 28, 2018 1:17 PM

नयी दिल्ली : उत्तराखंड में यमुना नदी पर प्रस्तावित लखवार बहु उदेशीय परियोजना के क्रियान्वयन के लिए दिल्ली में मंगलवार को छह बेसिन राज्यों के मध्य समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किये गये. यहां चर्चा कर दें कि यमुना पर भी स्वच्छता के 34 प्रोजेक्ट पर काम जारी है, इनमे बारह प्रोजेक्ट केवल देश की राजधानी दिल्ली में चल रहे हैं. गंगा भी दिसंबर तक साफ किये जाने की योजना है. इतना ही नहीं यमुना में और नदियों का पानी लाया जाएगा जिससे राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को लाभ होगा.

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इस समझौते पर उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के मुख्यमंत्री ने हस्ताक्षर किया है. इस मौके पर वहां उपस्थित केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि लखवार बांध परियोजना छह राज्यों के लिए महत्वपूर्ण है. इस परियोजना से गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत दूर होगी. उन्होंने बताया कि इससे 300 मेगावाट बिजली तैयार होगी और बचा हुआ पानी पीने व सिंचाई में उपयोग किया जा सकेगा.

इस परियोजना के खर्च की बात करें तो इसमें 90 फीसद केंद्र सरकार देगी और 10 फीसद राशि छह राज्य देंगे. उल्लेखनीय है कि पिछली सरकार योजना पर सहमति नहीं बना पायी थी जिसके कारण यह योजना पूरी नहीं हुई थी. पांच राज्यों में जब पीने के पानी की किल्लत दूर होगी तो इस बांध का महत्व बढ़ जाएगा. इस परियोजना से दिल्ली में भी पानी की किल्लत दूर होगी. हरियाणा व राजस्थान को भी गर्मी के मौसम में पीने का पानी मिल सकेगा. गंगा ट्रिब्यूट क्लीन के प्रोजेक्ट पर काम जारी है और ये प्रोजेक्ट जल्दी पूरे होंगे.

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आगे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस समझौते के बाद कई राज्यों की जनता को फायदा होगा, उन्होंने कहा कि यमुना में कई माह तक पानी नहीं होता है, लेकिन जब इस बांध नि र्माण का कार्य पूरा हो जाएगा तो इससे छह राज्यों को फायदा होगा, साथ ही पानी का फीसदी भी बढ़ जाएगा, और पीने की पानी का संकट भी दूर हो जाएगा.

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