नयी दिल्ली : राफेल विमान सौदे को लेकर सरकार पर लगातार हमले बोल रही कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति अनिल अंबानी के बीच का ‘सीधा सौदा’ है. पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता एस जयपाल रेड्डी ने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मध्ययुगीन राजा’ की तरह व्यवहार किया. उन्होंने सरकार को यह चुनौती भी दी कि वह राफेल मामले में लगे आरोपों के खिलाफ अदालत का रुख करे.
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रेड्डी ने कहा कि अगर सरकार ऐसा करती है, तो उसे सौदे का वो विवरण बताना पड़ेगा, जिसे वह छिपा रही है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अनिल अंबानी के बीच का सीधा सौदा है. मैं यह क्यों कह रहा हूं? इसके कुछ ठोस आधार हैं. उन्होंने कहा कि अप्रैल, 2015 में हुए सौदे से दो दिन पहले विदेश सचिव ने स्पष्ट रूप से कहा था कि भारत के प्रधानमंत्री और फ्रांस के राष्ट्रपति के बीच मुलाकात में राफेल पर चर्चा नहीं की जायेगी. सौदे से दो दिन पहले तक हमारे विदेश सचिव को यह पता नहीं था कि इस सौदे पर चर्चा की जायेगी और यह फैसला हो चुका है.
रेड्डी ने कहा कि तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर फ्रांस में नहीं थे. इससे भी अहम बात यह कि सौदा होने के बाद पर्रिकर ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री और फ्रांस के राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर किये हैं और मैंने इसका समर्थन किया है. आमतौर पर फैसला मंत्री करता है और प्रधानमंत्री इसका समर्थन करते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी खुद से इस सौदे के साथ जुड़े. उन्होंने मध्ययुगीन राजा की तरह व्यवहार किया. वह पेरिस में थे और उन्होंने लुई 16वें की तरह काम किया. लुई 16वें ने कहा था कि मैं राज्य हूं.
रेड्डी ने यह भी आरोप लगाया कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से सौदा वापस लेकर इस पीएसयू के भविष्य को दाव पर लगा दिया गया. अनिल अंबानी के रिलायंस समूह की ओर से कानूनी नोटिस दिये जाने पर रेड्डी ने कहा कि हमारे नेता कानूनी नोटिसों से नहीं डरते हैं. एक तरह से यह अच्छा है कि अनिल अंबानी ने नोटिस दिया. फिलहाल, सरकार राफेल सौदे का ब्यौरा देने से इनकार कर रही है.