भीमा कोरेगांव हिंसा : एनएचआरसी ने महाराष्ट्र के डीजीपी से चार सप्ताह में रिपोर्ट मांगी
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार किये गये कवि व सामाजिक कार्यकर्ता वरवरा राव की बेटी ने कहा कि जांच दल ने हमारे पूरे घर की तलाशी ली और वे पेपर्स, हार्ड डिस्क यहां तक की पुराने फोन जब्त कर ले गये. राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने भीमा-कोरेगांव हिंसा के सिलसिले में पांच वामपंथी कार्यकर्ताओं […]
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार किये गये कवि व सामाजिक कार्यकर्ता वरवरा राव की बेटी ने कहा कि जांच दल ने हमारे पूरे घर की तलाशी ली और वे पेपर्स, हार्ड डिस्क यहां तक की पुराने फोन जब्त कर ले गये.
#Hyderabad: The entire house was searched & papers, hard disks, even old phones have been taken by them: Sujatha, daughter of activist Varvara Rao who was arrested yesterday in connection with #BhimaKoregaon violence case. pic.twitter.com/GYRrCnvpyy
— ANI (@ANI) August 29, 2018
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने भीमा-कोरेगांव हिंसा के सिलसिले में पांच वामपंथी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है.एनएचआरसी ने महाराष्ट्र के डीजीपी को नोटिस जारी कर पांच कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर चार सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा है.
दिल्ली हाइकोर्ट गौतमनवलखाके मामले की आज दोपहर सवा दो बजे सुनवाई करेगा. पुलिस ने इस मामले की सुनवाई से पूर्व डाक्यूमेंट का मराठी से अंग्रेजी में ट्रांसलेशन के लिए अधिक समय मांगा था. कोर्ट ने 12 बजे तक पुलिस के वकील को डाक्यूमेंट फाइल करने का आदेश दिया है.
भीमा कोरेगांव मामले में रोमिला थापर, प्रभात पटनायक, सतीश देशपांडे, माया दर्नाल व एक अन्य व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में सुधा भारद्वाज व गौतमनवलखाकी गिरफ्तारी के खिलाफ अपील की है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले की आज दिन में 3.45 बजे सुनवाई करेगा.याचिकाकर्ताओं ने भीमा-कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किए गए सभी कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की. याचिकाकर्ताओं ने उच्चतम न्यायालय से अपील की है कि वह भीमा-कोरेगांव मामले में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के संबंध में सीधे स्वतंत्र जांच का निर्देश दें.
छापेमारी के बाद तीन वामपंथी कार्यकर्ताओं को पुणे लाया गया
पुणे (महाराष्ट्र) : पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम के संदिग्ध माओवादी संपर्क की जांच कर रही महाराष्ट्र पुलिस द्वारा कल गिरफ्तार किये गये पांच में से तीन वामपंथी कार्यकर्ताओं कल देर रात शहर लाया गया. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तेलगू के एक जानेमाने कवि वरवरा राव, कार्यकर्ता वेर्नन गोन्साल्विज और अरुण फरेरा को आज दिन में एक अदालत में पेश किये जाने की संभावना है. अधिकारी ने बताया कि हैदराबाद में राव, मुंबई में गोन्साल्विज और फरेरा, फरीदाबाद में ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज और दिल्ली में मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा के आवास पर कल एक साथ तलाशी अभियान चलाया गया.
अधिकारी ने बताया कि इसके बाद राव, भारद्वाज, फरेरा, गोन्साल्विज और नवलखा को भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) के तहत गिरफ्तार किया गया जो विभिन्न समुदायों के बीच धर्म, नस्ल, स्थान या जन्म, आवास, भाषा के आधार पर वैमनस्यता बढ़ाने और सद्भावना को बनाए रखने के लिए नुकसानदेह कृत्य करने से संबंधित है. बिना विस्तृत जानकारी देते हुए पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किये गये लोगों के खिलाफ उनकी ‘कथित नक्सल गतिविधियों’ के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम सहित आइपीसी की कुछ अन्य धाराएं भीलगायी गयी हैं. पिछले साल 31 दिसंबर को आयोजित यलगार परिषद कार्यक्रम के सिलसिले में मुंबई, नागपुर और दिल्ली से जून में माओवादियों से कथित तौर पर करीब संबंध रखने वाले पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था. कार्यक्रम के बाद पुणे जिले के कोरेगांव-भीमा गांव में हिंसा शुरू हो गयी थी. कार्यक्रम के बाद यहां विश्रामबाग थाने में दर्ज एक एफआइआर के मुताबिक, यलगार परिषद कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण दिया गया था जिससे कोरेगांव-भीमा में हिंसा भड़क गयी थी.
सुधा भारद्वाज व गौतम नवलखा को फौरी राहत
पुणे/नयी दिल्ली/चंडीगढ़:महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार की गयीं मानवाधिकार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा को अपने साथ नहीं ले जा पायी. वहीं, तीन अन्य वामपंथी कार्यकर्ताओंतेलुगू कवि वरवर राव, वेरनन गोन्जाल्विस और अरुण फरेरा को आज पुलिस पुणे की एक अदालत में पेश करेगी. सुधा भारद्वाज को ट्रांजिट रिमांड पर लेने की याचिका को मजिस्ट्रेट ने ठुकरा दिया था. फरीदाबाद में उनके आवास से गिरफ्तार की गयीं सुधा भारद्वाज को पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट ने 30 अगस्त तक हाउस अरेस्ट रखने का आदेश दिया है. वहीं, दिल्ली में गिरफ्तार किये गये गौतम नवलखा को भी कम से कम 29अगस्तकी शाम तक दिल्ली से बाहर नहीं लेजानेका दिल्लीहाइकोर्ट ने आदेशदियाहै. ऐसे में इनकाट्रांजिट रिमांड मिलने पर ही इन्हेंमहाराष्ट्र पुलिस अपने साथ ले जा सकेगी.इसबीच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, लेखकोंकेएक वर्ग ने इनकी गिरफ्तारीपर तीखी प्रतिक्रिया दी है. मालूम हो कि महाराष्ट्र पुलिस ने कई राज्यों में वामपंथी कार्यकर्ताओं के घरों मेंमंगलवारको छापा मारा और माओवादियों से संपर्क रखने के संदेह में उनमें से कम से कम पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया था.
क्यों छापा मारा गया?
पिछले साल 31 दिसंबर को एल्गार परिषद के एक कार्यक्रम के बाद पुणे के पास कोरेगांव – भीमा गांव में दलितों और उच्च जाति के पेशवाओं के बीच हुई हिंसा की घटना की जांच के तहत ये छापे मारे गए हैं. सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि बीते कुछ महीनों में दो पत्र मिले हैं जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह तथा गृह मंत्री राजनाथ सिंह की हत्या की माओवादियों की साजिश का पता चलता है. छापेमारी की एक वजह यह भी थी.
किनके यहां छापामारी?
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हैदराबाद में तेलुगू कवि वरवर राव, मुंबई में कार्यकर्ता वेरनन गोन्जाल्विस और अरुण फरेरा, फरीदाबाद में ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज और दिल्ली में सिविल लिबर्टीज के कार्यकर्ता गौतम नवलखा के आवासों में तकरीबन एक ही समय पर तलाशी ली गयी. अधिकारी ने बताया कि तलाशी के बाद राव, भारद्वाज, फरेरा, गोन्जाल्विस और नवलखा को आइपीसी की धारा 153 (ए) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. यह धारा धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, आवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देने और सौहार्द बनाए रखने में बाधा डालने वाली गतिविधियों से संबद्ध है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन लोगों पर आइपीसी की कुछ अन्य धाराएं और उनकी कथित नक्सली गतिविधियों को लेकर गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून की धाराएं भी लगायी गयी हैं. झारखंड में आदिवासी नेता फादर स्टेन स्वामी के परिसरों में भी तलाशी लीगयी लेकिन उन्हें हिरासत में नहीं लिया गया है.
कोर्ट से नवलखा व भारद्वाज को फौरी राहत
नयी दिल्ली में गौतम नवलखा को गिरफ्तार किए जानेके बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस को उन्हें कम से कमबुधवार शाम तक दिल्ली से बाहर नहीं ले जाने का आदेश दिया. कोर्ट नेयहफैसला नवलखा की ओर से उनके वकील द्वारा दायर याचिका पर सुनवाईकेबाद दिया. महाराष्ट्र पुलिस द्वारा नवलखा को मंगलवार दोपहर उनके घर से उठा लिए जाने के बाद यह याचिका दायर की गयी थी. इसी तरह पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि महाराष्ट्र पुलिस द्वारा सुधा भारद्वाज के लिए ट्रांजिट रिमांड हासिल किए जाने तक उन्हें उनके ही घर में रखा जाए. मजिस्ट्रेट ने उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर लिये जाने की मांग को ठुकरा दिया था.
सुधा भारद्वाज ने कहा है कि पुलिस ने उनका लैपटॉप, पैन ड्राइव, मोबाइल फोन ले लिया, उनके इ-मेल व ट्विटर एकाउंट के पासवर्ड ले लिये. भारद्वाज ने आरोप लगाया कि अब पुलिस उनके डेटा से छेड़छाड़ करेगी. वहीं, उनकी बेटी मायशा ने कहा कि 10 लोगों की टीम हमारे आवास पर छापेमारी के लिए आयी थी, जिसमें एक लोकल लेडी पुलिस थी.