कश्मीर : आतंकी फंडिंग मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के दूसरे बेटे सैयद शकील अहमद को श्रीनगर के रामबाग इलाके से उसके घर से गिरफ्तार कियाहै.यह जानकारी एनआईएकेप्रवक्ता ने दी.
जानकारी के अनुसार, यह गिरफ्तारी एनआईए द्वारा मारे गये उस छापे के बाद हुई है जिसमें टीम को कई चौंकानेवाले कागजात बरामद हुए झथे. सैयद शकील अहमद को एनआईए ने अपनी बात रखने के लिए कई मौके दिये, लेकिन उसने 2011 के आतंकी फंडिंग के मामले में कोई भी जानकारी जांच एजेंसी को नहीं दी. बताया जा रहा है कि उसके पास मनी ट्रांजेक्शन और विदेशों में मौजूद सैयद सलाउद्दीन के बेटों के अकाउंट के बारे में विस्तृत जानकारी है.
बता दें कि इससे पहले भी एनआईए सलाउद्दीन के एक बेटे को गिरफ्तार कर चुकी है. पिछले साल एनआईए ने सैयद शाहिद को मनी लाउंड्रिंगमामले में गिरफ्तार किया था. तभी से वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है. एनआईए उसके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है. सैयद शकील अहमद श्रीनगर के शेरे कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में मेडिकल असिस्टेंट है. दूसरा बेटा जावेद युसूफ बडगाम में ही जोनल एजुकेशन ऑफिस में कंप्यूटर ऑपरेटर है. तीसरा बेटा शाहिद युसूफ श्रीनगर में कृषि विभाग में काम करता था. चौथा बेटा वाहिद युसूफ श्रीनगर के शेरे कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में डॉक्टर है. पांचवां बेटा सैयद मुईद कंप्यूटर इंजीनियर है.
एनआईए ने अक्तूबर, 2017 में सैयद शाहिद यूसुफ को गिरफ्तार किया था. एनआईए ने सैयद शाहिद युसूफ को साल 2011 के एक आतंकी फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया था. सलाहुद्दीन के आदेश पर सीरिया में मौजूद गुलाम मोहम्मद बट नाम के संदिग्ध ने यूसुफ को कुछ पैसे भेजे थे. यह पैसा साल 2011 से 2014 के बीच भेजा गया था, जिसको कश्मीर गाटी के आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल किया गया था. सलाहुद्दीन ने दो शादी की है और शाहिद यूसुफ उसकी पहली पत्नी का बेटा है. हिज्बुल चीफ अपनी दूसरी पत्नी के साथ पाकिस्तान में रहता है. 2017 मे यूनाइटेड नेशंस ने सलाहुद्दीन को वैश्विक आतंकी घोषित किया था. सलाहुद्दीन आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन का चीफ है. वह लगातार भारत के खिलाफ जहर उगलता रहता है. वह कश्मीर समेत पूरे देश में कई बार हमले करा चुका है. अप्रैल 2014 में जम्मू-कश्मीर में हुए बम धमाकों की जिम्मेदारी हिजबुल मुजाहिद्दीन ने ली थी जिसमें 17 लोग घायल हुए थे.