#TarunSagar : पढ़ें, जैन मुनि तरुण सागर के 10 कड़वे प्रवचन

नयी दिल्ली : जैन मुनि तरुण सागर का शनिवार को तड़के सुबह निधन हो गया. उनके नि धन की खबर सुनते ही जैनी समुदाय में शोक की लहर दौड़ पड़ी. 51 वर्षीय जैन मुनि लंबे समय से बीमार चल रहे थे. पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर इलाके में स्थित राधापुरी जैन मंदिर में सुबह करीब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 1, 2018 10:04 AM

नयी दिल्ली : जैन मुनि तरुण सागर का शनिवार को तड़के सुबह निधन हो गया. उनके नि धन की खबर सुनते ही जैनी समुदाय में शोक की लहर दौड़ पड़ी. 51 वर्षीय जैन मुनि लंबे समय से बीमार चल रहे थे. पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर इलाके में स्थित राधापुरी जैन मंदिर में सुबह करीब 3 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. आज ही गाजियाबाद के मुरादनगर स्थित तरुणसागरम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. आइए नजर डालते हैं ‘जैन मुनि तरुण सागर’ के 10 ‘कड़वे प्रवचन’ पर…

1. यदि तुम्हारे कारण कोई इंसान दुखी रहे तो समझ लो ये तुम्हारे लिए सबसे बड़ा पाप है, ऐसे काम करो कि लोग तुम्हारे जाने के बाद दुखी होकर आसूं बहाने का काम करें तभी तुम्हें पुण्य मिलेगा.

2. गुलाब कांटों में भी हंसता है इसलिए लोग उसे प्रेम करते हैं, तुम भी ऐसे काम करो कि तुमसे नफरत करने वाले लोग भी तुमसे प्यार करने पर विवश हो जायें.

3. हंसने का गुण केवल मानवों को मिला है इसलिए जब भी मौका मिले मुस्कुराइये, कुत्ता चाहकर भी मुस्कुराने में सक्षम नहीं होता.

4. इंसान को आप दिल से जीतो तभी आप सफल हैं, तलवार के बल पर आप जीत हासिल कर सकते हैं लेकिन प्यार नहीं पा सकते.

5. अपने अंदर इंसान को सहनशक्ति पैदा करनी चाहिए क्योंकि जो सहता है वो ही रहता है, जो नहीं सहता वो टूटकर बिखर जाता है.

6. परिवार में आप किसी को बदल नहीं सकते हैं लेकिन आप अपने आप को बदल सकते हैं, आप पर आपका पूरा अधिकार है.

7. पूरी दुनिया को आप चमड़े से ढ़क नहीं सकते हैं लेकिन आप अगर चमड़े के जूते पहनकर चलेंगे तो दुनिया आपके जूतों से ढ़क जायेगी, यही जीवन का सार है.

8. तरुण सागर ने कहा था कि जिनकी बेटी ना हो उन्हें चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए और जिस घर में बेटी ना हो वहां शादी करनी ही नहीं चाहिए और जिस घर में बेटी ना हो उस घर से साधु-संत भिक्षा लेने से इनकार कर देना चाहिए.

9. तरुण सागर ने कहा था कि राजनीति को हम धर्म से ही कंट्रोल कर सकते हैं. धर्म पति है, राजनीति पत्नी. हर पति की ये ड्यूटी होती है कि वो अपनी पत्नी को सुरक्षा प्रदान करे, हर पत्नी का धर्म होता है कि वो पति के अनुशासन को स्वीकार करने का काम करे, ऐसा ही राजनीति और धर्म के भी साथ होना चाहिए क्योंकि बिना अंकुश के हर कोई खुले हाथी की तरह व्यवहार करने लगता है.

10. तरुण सागर ने कहा था कि हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर आरोप लगा था कि उन्होंने ने राजनीति का भगवाकरण कर दिया है लेकिन वो गलत हैं क्योंकि उन्होंने भगवाकरण नहीं बल्कि राजनीति का शुद्दिकरण किया.

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