चंडीगढ़/गुड़गांव : गुड़गांव में जमीन सौदे में कथित अनियमितताओं के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के खिलाफ राज्य पुलिस ने मामला दर्ज किया है. इस मुद्दे पर रॉबर्ट वाड्रा ने भी कहा कि चुनाव आ रहे हैं इसलिए उनके पुराने मामलों को फिर से सामने लाये जाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह चुनाव का मौसम है, तेल की कीमत बढ़ रही है लेकिन लोगों के मुद्दों से ध्यान भटकाकर मेरे पुराने मामले पर दिया जा रहा है. इसमें कुछ नया नहीं है.
Election season, increase in oil prices…so let’s divert real people’s issues with my decade old issue. What’s new?: Robert Vadra's statement on FIR against him (file pic) pic.twitter.com/Ev8ybmNwKR
— ANI (@ANI) September 1, 2018
मामले को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है. जो दोषी पाए जाएंगे, उन्हें सजा मिलेगी.
Our fight against corruption is on. Those found guilty will be punished, probe is underway by different agencies in different cases. This FIR filed by a brave citizen will also be probed: Haryana CM ML Khattar on FIR against Robert Vadra and Bhupinder Hooda in Gurugram land case pic.twitter.com/WIapjSeMu9
— ANI (@ANI) September 2, 2018
मामले को लेकर मानेसर के पुलिस उपायुक्त राजेश कुमार ने बताया कि हुड्डा, वाड्रा और दो कंपनियों – डीएलएफ तथा ओंकारेश्चर प्रोपर्टीज के खिलाफ गुड़गांव के खेडकी दौला पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है. कुमार ने बताया, ‘‘नूंह निवासी सुरिंदर शर्मा की ओर से आज हमें शिकायत मिली, जिसमें उन्होंने जमीन सौदे में अनियमितताओं का आरोप लगाया था. इस मामले में सीबीआई ने फरवरी में हुड्डा और 33 अन्य लोगों के खिलाफ 1500 करोड़ रुपये से अधिक के मानेसर जमीन सौदे में कथित भ्रष्टाचार के मामले में आरोप पत्र दायर किया था. यह आरोप पत्र गुड़गांव के मानेसर, नौरंगपुर और लखनौला गांवों के जमीन सौदों से संबंधित था.
भाजपा ने राबर्ट वाड्रा को निशाना बनाते हुए 2014 के चुनाव में इस जमीन सौदे को एक बड़ा मुद्दा बनाया था. शनिवार को दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि वाड्रा के स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड पर गुड़गांव के सेक्टर 83 में 3.5 एकड़ जमीन ओंकरेश्वर प्रॉपर्टीज से वर्ष 2008 में 7.50 करोड़ रुपये में खरीदने का आरोप है, जब हुड्डा राज्य के मुख्यमंत्री थे और उनके पास आवास एवं शहरी नियोजन विभाग भी था.
प्राथमिकी में कहा गया कि स्काईलाइट ने बाद में हुड्डा के प्रभाव से कॉलोनी के विकास के लिए कमर्शल लाइसेंस प्राप्त कर इस जमीन को डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेचा. इसमें नियमों को उल्लंघन कर गुड़गांव के वजीराबाद में डीएलएफ को 350 एकड़ जमीन बेचने का भी आरोप है, जिससे इस रियल एस्टेट कंपनी को 5000 करोड़ रुपये का लाभ पहुंचा. भाजपा नेतृत्व वाली मनोहर लाल खट्टर सरकार ने 14 मई 2015 मे गुड़गांव के सेक्टर 83 में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा वाणिज्यिक उपनिवेशों के विकास के लिए लाइसेंस प्रदान करने की जांच करने के लिए एक सदस्यीय समिति का गठन किया था.
न्यायमूर्ति एस एन ढिंगरा आयोग को गठन जांच अधिनियम के आयोग के अधीन किया गया. वाड्रा और हुड्डा पर भादंवि की धारा 420(धोखाधड़ी), 120बी (अपराधिक साजिश), 467 (जालसाजी) और 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी), 471 (नकली दस्तावेजों को इस्तेमाल असली के रूप में करना) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 के तहत मामला दर्ज किया गया है. शिकायत के अनुसार ओंकरेश्वर प्रॉपर्टीज को भुगतान चेक के द्वारा किया, जिसका उल्लेख पंजीकृत दस्तावेजों में था. लेकिन ओंकरेश्वर प्रॉपर्टीज ने कभी चेक जमा नहीं कराया, जिससे पता चलता है कि यह एक मुखौटा कंपनी थी.