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देशभर में श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी की धूम, राष्‍ट्रपति कोविंद व PM मोदी ने देशवासियों को दी बधाई

नयी दिल्‍ली : भगवान श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. मुंबई सहित कई शहरों और गांवों में गोविंदा की टोली दही हांडी प्रतियोगिताओं में भाग ले रही है. मंदिरों में सुबह से भी भीड़ उमड़ पड़ी है. मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया है. राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र […]

नयी दिल्‍ली : भगवान श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. मुंबई सहित कई शहरों और गांवों में गोविंदा की टोली दही हांडी प्रतियोगिताओं में भाग ले रही है. मंदिरों में सुबह से भी भीड़ उमड़ पड़ी है. मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया है. राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी की बधाई दी है. मुंबई में श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी के अवसर पर दही हांडी प्रतियोगिता का आयोजन बड़े पैमाने पर किया जाता है. हजारो जगहों पर गोविंदा की टोली मटकी फोड़ने निकल पड़ी है.

अपने संदेश में राष्‍ट्रपति ने कहा, ‘जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर मैं सभी भारतवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं. भगवान कृष्ण के जीवन और शिक्षाओं का सबके लिए एक प्रमुख संदेश है; ‘निष्काम कर्म’. जन्माष्टमी का यह पर्व हमें मन, वचन और कर्म से शील और सदाचार के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दे.’ वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किये गये एक ट्विट में लिखा गया, ‘श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी के पावन अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं. जय श्रीकृष्‍ण.’

उपराष्‍ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर देशवासियों को शुभकामनायें देते हुये गीता में वर्णित श्रीकृष्ण के संदेश को समाज के लिए प्रासंगिक बताया है. नायडू ने सोमवार को अपने बधाई संदेश में कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने वाला जन्माष्टमी पर्व का देश में विशेष धार्मिक महत्व है. हर्षोल्लास के साथ मनाये जाने वाले इस पावन पर्व के अवसर पर उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता, में वर्णित दायित्त्वों की पूर्ति के सिद्धांत को समूची मानवता के लिये प्रेरणा का स्रोत बताया.

ट्विटर पर भी नायडू ने श्रीकृष्ण के गुणों का वर्णन करते हुए कहा, ‘कृष्ण विराट पुरुष हैं. वे पूर्ण हैं. कृष्ण चरित ने मानवता के अशांत चित्त को भक्ति से विभोर किया है. कृष्ण शांति दूत भी हैं और गीता के प्रवर्तक भी. कृष्ण प्रेमी भी हैं और विरक्त भी. कृष्ण चरित में विरोधाभासों का अद्भुत संगम हैं.’ उन्होंने कहा ‘श्रीमद्भगवद्गीता में प्रतिपादित त्रय-योग ने भारत में दार्शनिक विमर्श की समृद्ध धारा को जन्म दिया है. कृष्ण चरित आज भी स्थानीय लोक परंपराओं और साहित्य का अपरिहार्य कथानक है. कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं.’

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