हमारे सांसद समय पर पूरे नहीं करा पाते हैं प्रोजेक्ट्स, अधिकतम 21 महीने सक्रिय रह सकता है खाता

नेशनल कंटेंट सेलनयी दिल्ली : सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीलैड) के तहत सिक्किम को छोड़कर बाकी सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में जनता के होने वाले कार्यों में देरी हुई है. यही कारण है कि जन प्रतिनिधियों द्वारा अपने क्षेत्र में चलायी जा रही जनहित योजनाओें के फंड के लिए खोले गये खाते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 4, 2018 8:20 AM

नेशनल कंटेंट सेल
नयी दिल्ली : सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीलैड) के तहत सिक्किम को छोड़कर बाकी सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में जनता के होने वाले कार्यों में देरी हुई है. यही कारण है कि जन प्रतिनिधियों द्वारा अपने क्षेत्र में चलायी जा रही जनहित योजनाओें के फंड के लिए खोले गये खाते समय बीत जाने के बाद भी बंद नहीं हो पाये हैं. सांख्यिकी मंत्रालय के छह अगस्त तक के आंकड़ों के अनुसार, विभिन्न राज्यों में 15वीं लोकसभा के समय सांसद निधि योजना के तहत खाते खोले गये थे.

इन खातों के सक्रिय रहने की अवधि 18 महीने है और विशेष परिस्थतियों में ही इसे तीन महीने तक बढ़ाया जा सकता है. यानी 21 महीनों के बाद इस खाते का संचालन नहीं हो सकता. लेकिन, स्थिति यह है कि पांच साल बीत जाने के बाद भी ये खाते बंद नहीं किये गये हैं. 15वीं लोकसभा की बात कौन करे, 14वीं लोक सभा के भी 208 खाते अब तक बंद नहीं किये गये हैं.

इसमें सर्वाधिक 36 सक्रिय खाते आंध्र प्रदेश में हैं. उसके बाद राजस्थान (21), कर्नाटक (20) और महाराष्ट्र (18) का नंबर है. केंद्र ने राज्यों से कहा है कि वे संबंधित जिलों के अधिकारियों को इन खातों को जल्द से जल्द बंद कर कार्यों की समीक्षा करें.

अधिकतम 21 महीने सक्रिय रह सकता है खाता

एमपीलैड के तहत निर्वाचित लोक सभा सदस्य जनता की भलाई के लिए बनाये गयी योजना के दिशा-निर्देशों के मुताबिक जनहित में किये जाने वाले कामों का सुझाव दे सकता है. योजना के दिशा-निर्देश अनुशंसित कार्यों को 18 महीने में पूरा किये जाने और उसके अगले तीन महीनों में खातों को बंद किये जाने का प्रावधान करता है.

2016 में बंद हो जाने चाहिए थे खाते

15वीं लोकसभा मई 2014 में भंग हुई. 15वीं लोकसभा के भंग होने के बाद भी अगर सुझाये गये कार्यों को पूरा करने और खातों को बंद करने के लिए 21 और महीने दे दिये जाते तो भी खाते 2016 की शुरुआत में बंद हो जाने चाहिए थे. लेकिन राज्यों में अब भी पिछली लोकसभा के समय के खाते चल रहे हैं.

65 लोकसभा और 29 राज्यसभा सांसदों ने नहीं बतायी आमदनी

आरटीआइ से मिली जानकारी के अनुसार, 65 लोकसभा और 29 राज्य सभा सांसदों ने अब तक अपनी संपत्ति की घोषणा नहीं की है. इस 65 सांसदों में से 61 ने 2014 से ही अपनी आमदनी खुलासा नहीं किया है. जबकि, चार सांसद अभी हाल ही में हुए उपचुनाव में चुन कर लोकसभा पहुंचे हैं. बता दें कि सांसद के लिए अपनी संपत्ति की घोषणा करने की अधिकतम अवधि 90 दिन है.

झामुमो के दो सांसदों ने अब तक नहीं की है अपनी आय की घोषणा

कांग्रेस 09

तेलुगु देशम 07

तृणमूल कांग्रेस 04

बीजेडी 04

भाजपा 04

सपा 04

लोकजनशक्ति पार्टी 04

आम आदमी पार्टी 03

शिवसेना 02

आरजेडी 02

जेडीयू 02

जेएमएम 02

ये भी पढ़ें

318 खाते अब भी सक्रिय हैं 15वीं लोक सभा के

208 खाते 14वीं लोक सभा के अब भी चल रहे हैं

14 वीं और 15वीं लोक सभा के समय के कुल 526 खाते हैं सक्रिय

18 माह की अवधि होती है बैंक खातों की, तीन महीने मिलते हैं समीक्षा को

Next Article

Exit mobile version