अहमदाबाद : हार्दिक पटेल के स्वास्थ्य को लेकर डॉक्टरों के चिंता जताने के बाद गुजरात सरकार मंगलवार को आगे आयी और पाटीदार नेता को अपना अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल खत्म करने के लिये मनाने का प्रयास किया. हार्दिक की भूख हड़ताल मंगलवार, 11वें दिन भी जारी रही. उन्होंने किसानों की कर्ज माफी और सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा के क्षेत्र में ओबीसी वर्ग के तहत पाटीदार समुदाय के लिये आरक्षण की मांगों को लेकर 25 अगस्त को अनशन शुरू किया था.
भाजपा नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने मंगलवार रात गांधीनगर में पाटीदार समुदाय के कई नेताओं के साथ बैठक की. इससे कुछ ही घंटे पहले डॉक्टरों ने पटेल के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जतायी थी. अनशन के 11वें दिन पटेल का वजन करीब 20 किलोग्राम कम हो गया है. सोला सरकारी अस्पताल से संबद्ध डॉक्टरों ने कहा कि हार्दिक का वजन कम हो गया है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत है.
हार्दिक के भूख हड़ताल में शामिल हुए यशवंत-शत्रुघ्न, कहा-उनकी लड़ाई को देशभर में ले जाने की जरूरत
समुदाय के छह विभिन्न संस्थाओं से संबद्ध पाटीदार नेताओं के साथ बैठक के बाद गुजरात के ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि पाटीदार नेता अपना अनशन खत्म कर लें. राज्य के राजस्व मंत्री कौशिक पटेल एवं प्रदेश के गृह मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा ने विश्व उमीय फाउंडेशन, उमीय माता संस्थान और खोडलधम ट्रस्ट एवं अन्य से संबद्ध पाटीदार नेताओं से बात की. ऊर्जा मंत्री ने कहा, ‘‘बैठक के दौरान हमने कहा कि सरकार हार्दिक पटेल के बारे में चिंतित है. हमने नेताओं से अपील की कि वे हार्दिक पटेल को अनशन खत्म करने के लिये मनायें. नेताओं ने वादा किया कि वे इस संबंध में हार्दिक पटेल से मुलाकात करेंगे.”
पाटीदार नेताओं के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करने वाले सीके पटेल ने संवाददाताओं को बताया कि वे सरकार की भावनाओं से पटेल को अवगत करायेंगे. इससे पहले सौरभ पटेल ने दावा किया था कि पाटीदार आरक्षण आंदोलन कांग्रेस के समर्थन वाली राजनीतिक मुहिम है. इस बीच, हार्दिक पटेल के समर्थन में कई नेता आगे आये. मंगलवार को पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और भारतीय जनता पार्टी के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने हार्दिक के आवास पर उनसे मुलाकात की.