राफेल सौदे में सरकार को मिला ”ब्रह्मास्त्र”, अब होगी विपक्ष की बोलती बंद

नयी दिल्ली : राफेल के मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के हमलों के बीच शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने बुधवार को लड़ाकू विमान की खरीद के लिए फ्रांस के साथ हुए करार का ब्योरा केंद्रीय मंत्रिपरिषद को दिया ताकि राजनीतिक नेतृत्व विपक्ष के आरोपों का जवाब दे सके. सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2018 10:14 PM

नयी दिल्ली : राफेल के मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के हमलों के बीच शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने बुधवार को लड़ाकू विमान की खरीद के लिए फ्रांस के साथ हुए करार का ब्योरा केंद्रीय मंत्रिपरिषद को दिया ताकि राजनीतिक नेतृत्व विपक्ष के आरोपों का जवाब दे सके.

सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल और रक्षा सचिव संजय मित्रा ने ढाई घंटे से भी ज्यादा चली बैठक में करार के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत प्रस्तुति दी. मंत्रियों को बताया गया कि यह दो सरकारों के बीच का करार है जिसमें कोई निजी पक्ष शामिल नहीं है, जिसकी वजह से इसमें भ्रष्टाचार की गुंजाइश नहीं के बराबर है. शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने विमान की क्षमता के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इससे भारतीय वायुसेना को मजबूती मिलेगी और यह लड़ाकू विमान उसके लिए पूंजी होंगे.

कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी पार्टियां राफेल करार के मुद्दे पर मोदी सरकार पर लगातार हमले बोल रही हैं. उनका आरोप है कि यह करार औने-पौने दाम पर हुआ है और इसमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की अनदेखी कर एक भारतीय कारोबारी को फायदा पहुंचाया गया. इस बैठक में दी गयी प्रस्तुति से यह भी पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर अपने सभी सहयोगियों, जिनके प्रतिनिधि मंत्रिपरिषद में शामिल हैं, को साथ लेकर चलना चाहते हैं. बैठक में ‘आयुष्मान भारत’ मिशन पर भी प्रस्तुति दी गयी.

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