बेंगलुरु: भारत और फ्रांस ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाते हुए गुरुवार को गगनयान पर साथ मिलकर काम करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये. भारत और फ्रांस ने गगनयान के लिए एक कार्यकारी समूह की घोषणा की. फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी के अध्यक्ष जीन येव्स ली गॉल द्वारा बेंगलुरु स्पेस एक्सपो के छठे संस्करण में यह घोषणा की गयी. भारत की 2022 से पहले अंतरिक्ष में तीन मनुष्यों को भेजने की योजना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर इसरो के पहले मानवयान मिशन की घोषणा की थी.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का मिशन महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत को दुनिया के चौथे देश की फेहरिस्त में शामिल करेगा,जो कोई मानवयान अंतरिक्ष में भेजेगा.
गॉल ने कहा कि इसरो और फ्रांस की अंतरिक्ष एजेंसी सीएनइएस अंतरिक्ष औषधि, अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य की निगरानी करने, जीवन रक्षा मुहैया कराने, विकिरणों से रक्षा, अंतरिक्ष के मलबे से रक्षा और निजी स्वच्छता व्यवस्था के क्षेत्रों में संयुक्त रूप से अपनी विशेषज्ञता दिखायेंगे.
इसरो की योजना अपने अंतरिक्ष यात्रियों के जरिये बेहद कम गुरुत्वाकर्षण पर प्रयोग करने की है. दोनों देशों की मंगल ग्रह, शुक्र और क्षुद्र ग्रह पर भी काम करने की योजना है.
गॉल ने कहा, ‘सीएनइएस अंतरिक्ष में भेजे गये पहले फ्रांसीसी मानवयान थॉमस पेस्क्वेत प्रोक्सिमा मिशन से हासिल हुए अनुभव को साझा करने के लिए इसरो के साथ इस परियोजना पर काम करने के लिए गौरवान्वित है.’